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क्राफ्ट मेले में विरासत प्रदर्शनी में हो रहे हैं हरियाणा की कृषि संस्कृति के दर्शन
फरीदाबाद/टीम एक्शन इंडिया
36वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में विरासत द्वारा लगाई गई सांस्कृतिक प्रदर्शनी के अंतर्गत हरियाणा के आपणा घर में कृषि के पुरातन औजारों टांगली एवं ओरणों की प्रदर्शनी हरियाणा की लोक पारंपरिक कृषि संस्कृति को तो दर्शा ही रही है इसके साथ-साथ मेले में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित भी कर रही है। यह जानकारी मेला प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा का आपणा घर हमेशा की तरह पर्यटकों की भीड़ को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यहां पर हरियाणा की हस्तशिल्प प्रदर्शनी के साथ-साथ लोक पारंपरिक विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए विरासत के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि विरासत की प्रदर्शनी में जेली, जेले, टांगली के साथ-साथ ओरणों की प्रदर्शनी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में लोक पारंपरिक तरीके से किसान खेती करते समय बांस एवं लोहे के जिन ओरणों एवं जेलियों का प्रयोग करते थे वो विरासत प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में इन विषय-वस्तुओं का प्रयोग बंद हो चुका है। उन्होंने बताया कि ओरणा हल के पीछे बांधकर उसके माध्यम से फसल की बुवाई के लिए बीज बिजने के लिए ओरणे का प्रयोग किया जाता रहा है। आरंभ में बांस के ओरणे प्रयोग किए जाते थे, बाद में लोहे के भी ओरणों का प्रयोग किया जाने लगा। इसके साथ ही फसल की कटाई के पश्चात उसके अवशेषों को एक स्थान पर एकत्रित करने के लिए जेली एवं टांगली का प्रयोग किया जाता रहा है। लकड़ी से बनी जेली एवं टांगली प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई है। इनका इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है। विरासत हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी हरियाणवी संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए मेले में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है।