अन्य राज्यमध्य प्रदेश

मानवीय मूल्यों, धार्मिक और सामाजिक आदर्शों को आत्मसात करना शिक्षा का उद्देश्य : केंद्रीय मंत्री गडकरी

भोपाल 
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भगवान् बुद्ध सहित भारतीय ऋषियों मुनियों ने धर्म के मार्ग पर चलना सिखाया है। मानवीय मूल्यों, धार्मिक और सामाजिक आदर्शों, त्याग, तपस्या, संस्कार, समन्वय, सौहार्द इन सभी मूल्यों को आत्मसात करना शिक्षा का उद्देश्य है। हम इसी रास्ते से आदर्श समाज का निर्माण कर सकते हैं। भारत का मन्त्र सदैव विश्व का कल्याण रहा है। स्वामी विवेकानंद, अंबेडकर, गांधी, फुले जैसे विचारकों की सोच के साथ हमें 21वीं सदी के भारत का निर्माण करना है। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर के 33वां दीक्षांत समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही चरित्र का निर्माण किया जा सकता है। हमें फ्यूचरिस्टिक विजन के साथ प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करना है। यही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी सपना है। बेस्ट टेक्नोलॉजी हमारे देश में विकसित हो, दुनिया में जो कुछ अच्छा है वो भारत में भी हो, यही हमारा प्रयास है। उन्होंने सीएनजी, बायोफ्यूल, इथेनोल, ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे नवाचारी प्रयोगों के माध्यम से विकसित भारत के निर्माण के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि दीक्षांत विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण अवसर होता है। सागर विश्विद्यालय के विद्यार्थी भाग्यशाली हैं जिन्हें डॉ. गौर द्वारा दान की गई संपत्ति से बने विश्वविद्यालय में अध्ययन करने का मौका मिला। उन्होंने पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को जीवन में सदैव बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि शिक्षा से व्यक्ति ज्ञानवान बनता है।

समाज के उत्थान के लिए शिक्षा का सदुपयोग करें- उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि यह इक्कीसवीं सदी का भारत है। हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनोमी बनने जा रहे हैं। भारत 2047 तक सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरेगा। यही नया भारत है। भारत विश्व बंधुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम की संकल्पना पर कार्य करने वाला राष्ट्र है। आप सभी इस देश के लिए कार्य करें। आप सबके सामने सुनहरा भविष्य है। शिक्षा का समाज के उत्थान के लिए सदुपयोग करें।

ज्ञान के साथ देश एवं समाज की सेवा करें : मंत्री श्री राजपूत
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि आज का दिन बहुत ही भावुकता का का दिन है जिनको डिग्री मिल रही है वह बहुत ही भाग्यशाली है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि आप सभी ज्ञान प्राप्त करने के साथ ही साथ देश एवं समाज की सेवा करने का संकल्प लें और देश का नाम रोशन करें। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कन्हैयालाल बेरवाल ने अध्याक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि उपाधि मिलना किसी भी विद्यार्थी के जीवन का सबसे सुखद क्षण होता है। कार्यक्रम को पद्मविभूषण जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य ने भी संबोधित किया। सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने सभी विद्यार्थियों को उपाधि एवं पदक प्राप्त करने की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शालनी चौइथरानी ने किया। प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया। विधायक श्री वीरेंद्र सिंह लोधी, विधायक श्रीमती निर्मला सप्रे, सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, उपाधि पाने वाले विद्यार्थी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

प्रख्यात मनीषी, रचनाकार, साहित्य एवं संस्कृत मर्मज्ञ, समाजसेवी पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य को विश्वविद्यालय द्वारा मानद डी. लिट्. उपाधि प्रदान की गई। विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को अतिथियों ने स्वर्ण पदक और प्रमाण-पत्र प्रदान किया। दीक्षांत समारोह के लिए 1225 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था जिसमें स्नातक के 482, पीजी 426 एवं पीएच.डी. के 49 छात्रों सहित कुल 957 छात्रों ने उपस्थित होकर उपाधि प्राप्त की दीक्षांत समारोह के अवसर अतिथियों ने विश्वविद्यालय के तीन नवीन भवनों आचार्य सुश्रुत भवन, आचार्य पी.सी. रे भवन एवं स्वदेशी भवन का लोकार्पण किया गया। सभी विद्यार्थियों की डिग्री डिजीलाकर पर भी रिलीज हुई। अतिथियों ने दीक्षांत स्मारिका का भी विमोचन किया। दीक्षांत समारोह के आरम्भ होने से पूर्व अतिथियों ने गौर समाधि पहुंचकर पर डॉ. गौर को पुष्पांजलि अर्पित की।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button