दिल्ली

दिल्ली मेंजल भराव से हुई मौतोंके लिए पूरी तरह जिम्मेवार है दिल्ली सरकार: देवेन्द्र यादव

टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने संवैधानिक अधिकार केवल राज्य के मुख्यमंत्री का ही होता है, यह कोई दैनिक गतिविधि नही जो उपराज्यपाल को पत्र लिखकर इसे बदला जा सके। राष्ट्र ध्वज केवल देश का प्रधानमंत्री और राज्य मुखिया फहरा सकता है। उन्होंने कहा कि जेल में बैठे केजरीवाल इस्तीफा देकर नया मुख्यमंत्री नामित करने जगह मंत्रीमंडल की मंत्री को झंडा फहराने अधिकार देना संविधान और संवैधानिक मान्यताओं का अपमान करना है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने कभी भी देशवासियों और संविधान का सम्मान नहीं किया।

एक पार्टी संविधान को बदलने तक की बात करती है दूसरी पार्टी के मुख्यमंत्री संविधान की मान्यताओं को अपमान करते है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण एक संवैधानिक परम्परा जिसको देश अथवा राज्य का मुखिया ही निभा सकता है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि जब दिल्ली पानी के तरस रही थी, जल भराव से दिल्ली डूब रही थी, लोग नालों मे डूबकर, करंट लगने से और इमारतों में दबने से मर रहे थे, तब केजरीवाल ने अपने मुख्यमंत्री पद की गरिमा को देखते हुए मंत्रीमंडल के किसी सदस्य को दिल्ली को बचाने के लिए कोई पत्र क्यों नहीं लिखा, क्या दिल्ली पर संकट और दिल्लीवालों की परेशानी दूर करना मुख्यमंत्री का दायित्व नही है। देश का भविष्य यूपीएससी के बेसमेंट में डूबकर, करंट लगने से छात्र करने पर मुख्यमंत्री ने कोई संवेदना क्यों प्रकट नहीं की। उन्होंने कहा कि कोई भी मुद्दा हो आम आदमी पार्टी अपने राजनीतिक फायदे के लिए उसे इवेंट बनाने की कोशिश करती है।

ेवेन्द्र यादव ने कहा कि हम आम आदमी पार्टी के मुखिया श्री अरविन्द केजरीवाल की भावनाओं की कदर करते है। यदि वे चाहते है कि दिल्ली मंत्रीमंडल की सदस्य श्रीमती आतिशी मलेर्ना स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करें तो उन्हें अपना त्यागपत्र देकर आतिशी को मुख्यमंत्री घोषित करें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर केजरीवाल द्वारा उपराज्यपाल को लिखे पत्र पर मैं भाजपा की परेशानी को समझ सकता हूँ क्योंकि पिछले 26 वर्षों में दिल्ली की जनता ने उन्हें दिल्ली की सत्ता से नकारा हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के जेल में होने पर शासन नही चलता, उनकी गैर मौजूदगी में दिल्ली की जनता की परेशानियां लगातार बढ़ रही है, जिनको देखने वाला कोई नही है।

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