अन्तर्राष्ट्रीय

जिन 40 कमांडर्स की बदौलत गाजा में गदर मचा रहा इजरायल, उनकी आई शामत, जेल भिजवाने पर US आमादा

इजरायल
इजरायल-हमास की जंग में एक तरफ अमेरिका जहां इजरायल पर गाजा पट्टी में हमले रोकने और युद्धविराम करने को कह रहा है, वहीं दूसरी तरफ एक अमेरिकी अधिकार समूह ने इजरायल के टॉप 40 कमांडर्स को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) में घसीट लिया है। वाशिंगटन पोस्ट और मिडिल ईस्ट आई के लिए सऊदी स्तंभकार जमाल खशोगी द्वारा स्थापित अधिकार संगठन, डेमोक्रेसी फॉर द अरब वर्ल्ड नाउ (डॉन) ने बुधवार को ICC में एक दस्तावेज सौंपा है, जिसमें गाजा में इजरायली सैन्य अभियान चलाने वाले  40 वरिष्ठ इजरायली कमांडरों की सूची है। डॉन ने उन पर युद्ध अपराधों का मुकदमा चलाने का आह्वान किया है, जिसमें अब तक 20,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी लोग मारे गए हैं।मिडिल ईस्ट आई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉन की कार्यकारी निदेशक सारा लिआ व्हिटसन ने एक बयान में कहा, "आईडीएफ के ये 40 कमांडर जो गाजा पर अंधाधुंध बमबारी, प्रचंड विनाश और नागरिकों की सामूहिक हत्या की योजना बनाने, आदेश देने और उसे क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें किसी भी आईसीसी जांच में प्रमुख संदिग्ध होना चाहिए।"

सूची में इजरायली रक्षा मंत्री का भी नाम
बयान में कहा गया है कि इजरायल ने भले ही अपने कई अधिकारियों की पहचान छिपाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन उन्हें सूचित किया जाना चाहिए कि वे अब गाजा में चल रहे अपराधों के लिए व्यक्तिगत आपराधिक दायित्व का सामना कर रहे हैं। डॉन की सूची में इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट, इजरायली सेना के सरकारी गतिविधियों के समन्वयक घासन अलियान और 215वीं आर्टिलरी ब्रिगेड के कमांडर एहुद बीबी भी शामिल हैं। अधिकार समूह ने कहा कि वह आने वाले महीने में अदालत को सौंपी गई अपनी सूची में सभी 40 कमांडरों के नाम सार्वजनिक रूप से जारी करना जारी रखेगा। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास और अन्य फ़िलिस्तीनी सशस्त्र समूहों ने दक्षिणी इज़राइल पर हमला बोल दिया था, जिसमें 1,200 लोग मारे गए खे जबकि हमास आतंकियों ने 240 लोगों को बंधक बना लिया था। जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने गाजा में युद्ध छेड़ दिया था। फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इज़रायली हमलों में  गाजा पट्टी में अब तक 20,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। इजरायली बमबारी की वजह से करीब 19 लाख फिलिस्तीनी नागरिक विस्थापित हुए हैं।

किन-किन देशों ने ICC में दी है अर्जी
आईसीसी के सामने डॉन की दलील उन कई दलीलों में से एक है जो अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी समूहों के साथ-साथ कई देशों से भी मिली है। इन सभी मामलों में ICC से यह जांच करने की मांग की गई है कि क्या इजरायल ने गाजा में युद्ध अपराध किए हैं। जिन देशों ने इसी तरह के आवेदन दिए हैं, उनमें बांग्लादेश, बोलीविया, कोमोरोस और जिबूती भी शामिल है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RWF) और अल जज़ीरा समाचार नेटवर्क जैसे संगठनों ने भी ट्रिब्यूनल से इज़रायल और फिलिस्तीन दोनों क्षेत्रों में पत्रकारों की हत्याओं की जांच करने का अनुरोध किया है। बता दें कि इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों रोम संविधि के पक्षकार नहीं हैं, जिसके तहत आईसीसी की स्थापना की गई थी। हालाँकि, ICC के क्षेत्राधिकार में फ़िलिस्तीनी क्षेत्र शामिल हैं।

ICC के अभियोजक ने किया था दौरा
आईसीसी के अभियोजक करीम खान दिसंबर की शुरुआत में इज़रायल और फिलिस्तीनी की यात्रा पर गए थे, जिसमें फिलिस्तीनियों ने अभियोजक पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इज़रायल ने खान को गाजा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी, और फिलिस्तीनियों ने कहा कि उन्होंने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में सैकड़ों अवैध इजरायली बस्तियों, चौकियों और शरणार्थी शिविरों का दौरा करने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।

 

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