राष्ट्रीय

नाल एयर बेस पर तैनात होगा Lca मार्क1a लड़ाकू विमानों का पहला स्क्वाड्रन

नईदिल्ली

भारत को अक्‍सर परमाणु धमकी देने वाले पाकिस्‍तान और सेना को जंग के मैदान में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत राजस्‍थान के बीकानेर में तेजस फाइटर जेट की पहली स्‍क्‍वाड्रन तैनात करने जा रहा है। तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट की पहली स्‍क्‍वाड्रन को नाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा जो पाकिस्‍तान की सीमा से सटा हुआ है। इसी के पास पाकिस्‍तान का बहावलपुर सैन्‍य अड्डा है। सबसे पहले तेजस मार्क 1ए विमान साल 2024 के शुरुआती महीने में मिलने जा रहे हैं। ये ब्रांड न्‍यू विमान मिग 21 की जगह लेंगे जो अब पुराने पड़ चुके हैं। भारत ने अपने पहले स्‍वदेशी विमान को पाकिस्‍तानी वायुसेना से निपटने के लिए तैनात करने का फैसला यूं ही नहीं लिया है। पाकिस्‍तानी सेना चीन के साथ मिलकर नापाक साजिशें रच रही है और उसने ड्रैगन से कई नए फाइटर जेट खरीदे हैं।

भारत ने करीब 40 साल की मेहनत के बाद तेजस फाइटर जेट को तैयार किया है। तेजस के पुराने संस्‍करण की कम से कम दो स्‍क्‍वाड्रन पहले ही सेना में शामिल हो चुकी है। इन्‍हें हाल ही में उत्‍तरी और पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जा चुका है। नए तेजस मार्क 1ए विमान पुराने के मुकाबले कहीं ज्‍यादा ताकतवर हैं और घातक मिसाइलों से लैस हैं। ये विमान पाकिस्‍तान में कहीं भी तबाही मचाने की क्षमता से लैस हैं। पाकिस्‍तान आतंकियों को भारत की सीमा के अंदर भेजने के साथ तुर्की के ड्रोन की मदद से हथियार और ड्रग्‍स भी भारतीय सीमा में भेज रहा है।
 

भारत के एस 400 पर पाकिस्‍तान की नजर

पाकिस्‍तानी नेता अक्‍सर परमाणु बम की धमकी देते रहते हैं। हाल ही में पाकिस्‍तान ने परमाणु बम दागने वाली तोप को भी भारतीय सीमा पर तैनात किया है। पाकिस्‍तान ने गत 18 अक्‍टूबर को अपनी अबाबील मिसाइल का परीक्षण किया है जो व‍िशेषज्ञों के मुताबिक एक साथ कई परमाणु बम ले जाने की क्षमता रखती है। हालांकि इस मिसाइल का परीक्षण सफल रहा या नहीं इसको संदेह बना हुआ है। यह मिसाइल पाकिस्‍तान में अभी तक विकास के चरण में है। इससे पहले पाकिस्‍तान ने अप्रैल 2022 में शाहीन मिसाइल का परीक्षण किया था। अबाबील का परीक्षण असीम मुनीर के सेना प्रमुख बनने के बाद पहला टेस्‍ट था।

इस मिसाइल को पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत से दागा गया था जो भारत से बिल्‍कुल सटा हुआ है। यही नहीं उस समय पाकिस्‍तान के केयरटेकर पीएम अनवारुल हक काकर उस समय चीन के दौरे पर थे। व‍िशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्‍तान ने भारत के एस 400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को मात देने के लिए इस मिसाइल का परीक्षण पंजाब से किया न कि बलूचिस्‍तान या सिंध से। रूस के भारत को एस 400 सिस्‍टम दिए जाने से चीन कभी सहमत नहीं हुआ था। इस मिसाइल की रेंज कितनी है, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। माना जाता है कि चीन की मदद से पाकिस्‍तान ने कई मिसाइलें बनाई हैं जो भारत को ध्‍यान में रखकर हैं।

पाकिस्तान की सीमा से करीब 200 किलोमीटर दूर है राजस्थान का बीकानेर शहर. इसी शहर में भारतीय वायुसेना का प्रमुख बेस नर एयरबेस है. इंडियन एयरफोर्स ने कहा है कि वह तेजस एमके-1ए (Tejas Mk-1A) फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन को इसी एयरबेस पर तैनात करेगा. इससे भारतीय वायुसेना और देश को क्या फायदा होगा?

 

पहला फायदा…  

नल एयरबेस पर मिग-21 (MiG-21 Fighter Jet) के स्क्वॉड्रन तैनात है. तेजस एमके-1ए फाइटर जेट की तैनाती से फ्लाइंग कॉफिन (Flying Coffin) कहे जाने वाले मिग-21 को हटाया जा सकेगा. वायुसेना अपने पुराने मिग-21, मिग-23, मिग-27, मिराज-2000 और जुगआर की फ्लीट को तेजस से बदलना चाहती है.  

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को पूरा भरोसा है कि अगले साल फरवरी से मार्च के बीच वायुसेना को पहला Tejas Mk-1A फाइटर जेट मिल जाएगा. 2025 तक 24 और फाइटर जेट वायुसेना को मिल जाएंगे. HAL 83 तेजस एमके-1ए फाइटर जेट के उत्पादन में लग गई है. वह इंडियन एयरफोर्स को ये फाइटर जेट तय समय पर दे देगी.

दूसरा फायदा…

बीकानेर के नल एयरबेस से पाक सीमा की दूरी करीब 197-200 किलोमीटर है. यानी जंग की स्थिति में मात्र 5 मिनट में सीमा पर तेजस फाइटर जेट पहुंच जाएगा. यानी दुश्मन पर तत्काल हमला करने की स्थिति में ये फाइटर जेट हमेशा तैयार रहेगा. इसके अलावा पाकिस्तान के प्रमुख शहर भी इस फाइटर जेट की रेंज में आते हैं. जैसे- मुल्तान 294 km, लाहौर 402 km, इस्लामाबाद 630 km, पेशावर 687 km, मुज्फ्फराबाद 704 km और कराची 719 km.  

तीसरा फायदा…  

तेजस फाइटर जेट का आकार छोटा है इसलिए इस समय दुनिया का कोई भी रडार सिस्टम इसे फाइटर जेट की श्रेणी में रखता ही नहीं. इसलिए यह दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएगा. यानी हमला करना आसान है.  तेजस की कॉम्बैट रेंज 500 KM है. यानी हथियारों से लैस होकर दुश्मन के इलाके में जाकर हमला करके वापस आना. हालांकि इसकी कुल रेंज 1850 किलोमीटर है. यानी बीच आसमान में फ्यूल मिल जाए तो इसे बेस पर लौटने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

अब जानिए Tejas Mk-1A फाइटर जेट की ताकत…

43.4 फीट लंबे तेजस एमके-1ए फाइटर जेट की ऊंचाई 14.5 फीट है.  इसमें 2458 kg फ्यूल आता है. अधिकतम स्पीड 1980 KM प्रतिघंटा है. यानी ध्वनि की गति से डेढ़ गुना ज्यादा. अधिकतम 53 हजार KM की ऊंचाई तक जा सकता है. ग्लास कॉकपिट होने से पायलट को चारों देखने में आसानी होती है.

यह छोटा और मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है. इसमें आठ हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी 8 अलग-अलग तरह के हथियार लगा सकते हैं. इसमें S-8 रॉकेट्स के पॉड्स लगा सकते हैं.

हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें…  R-73, I-Derby, Python-5 लगे हैं. भविष्य में ASRAAM,  Astra Mark 1 और  R-77 की प्लानिंग है.

हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें... Kh-59ME, Kh-59L, Kh-59T, AASM-Hammer लगी हैं. BrahMos-NG ALCM को लगाने की योजना है.

एंटी-रेडिएशन मिसाइल...  रुद्रम को लगाया जाएगा. फिलहाल इसमें एंटी-शिप मिसाइल Kh-35 और Kh-59MK लगे हैं.

चार तरह के बम लगा सकते हैं…

प्रेसिशन गाइडेड म्यूनिशन जैसे- स्पाइस, JDAM, HSLD, DRDO Glide Bombs और DRDO SAAW.
लेजर गाइडेड बम जैसे KAB-1500L, GBU-16 Paveway II, सुदर्शन और Griffin LGB.
क्लस्टर म्यूनिशन जैसे RBK-500.
अनगाइडेड बम जैसे  ODAB-500PM, ZAB-250/350, BetAB-500Shp, FAB-500T, FAB-250, OFAB-250-270, OFAB-100-120.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button