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अयोध्या में राम मंदिर की भव्यता देखते बन रही है, जानिए राम लला के ‘धाम’ की 10 खास बातें

  अयोध्या

अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर बनकर तैयार है. आज (22 जनवरी) नए मंदिर में राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. मंदिर समेत पूरी अयोध्या सज-धजकर तैयार है. नागर शैली में बने राम मंदिर की छटा देखते ही बन रही है. हर कोई मंदिर को निहारते रह जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में बहुप्रतीक्षित प्रतिष्ठा-समारोह के अनुष्ठान में हिस्सा लेंगे. मैसूर के फेमस मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की नई 51 इंच की मूर्ति को  गुरुवार को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया था. 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए चौदह जोड़े यजमान होंगे. एक दिन बाद यानी 23 जनवरी से मंदिर को आमजनके लिए खोल दिया जाएगा. जानिए राम मंदिर से जुड़ी 10 खास बातें…

प्राण प्रतिष्ठा समारोह दोपहर 12.20 बजे शुरू होगा और दोपहर 1 बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है. उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्थल पर संतों और प्रमुख हस्तियों समेत 7,000 से ज्यादा लोगों की एक सभा को संबोधित करेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, रविवार को राम लला की मूर्ति को विभिन्न तीर्थ स्थलों से लाए गए औषधीय और पवित्र जल से भरे 114 घड़ों से स्नान कराया गया. मूर्ति को आज 'मध्याधिवास' में रखा गया. चेन्नई, पुणे समेत कई जगहों से आए फूलों से अनुष्ठान किया जा रहा है.  अभिषेक अनुष्ठान 16 जनवरी को सरयू नदी से शुरू हुआ और सोमवार दोपहर 'अभिजीत मुहूर्त' में पूरा होगा.

उम्मीद है कि लाखों लोग इस कार्यक्रम को टीवी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाइव देखेंगे. केंद्र ने 22 जनवरी को आधे दिन की छुट्टी की घोषणा की है. कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. देश और विदेश के मंदिरों ने इस अवसर पर विशेष उत्सव की घोषणा की है. वाशिंगटन डीसी से लेकर पेरिस और सिडनी तक, 60 देशों में ये कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. अयोध्या को फूलों से सजाया गया है. रविवार को लाउडस्पीकरों पर 'राम धुन' बजाई गई.

जानिए मंदिर के बारे में 10 खास बातें…

1. मंदिर को नागर शैली में बनाया गया है. मंदिर में पूर्व दिशा से प्रवेश कर पाएंगे. दक्षिण दिशा से निकास होगा. मंदिर की अधिरचना तीन मंजिला होगी. श्रद्धालु पूर्वी दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर मुख्य मंदिर में पहुंचेंगे.

2.  मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट रहेगी. मंदिर तीन मंजिला रहेगा. प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे.

3. मंदिर में पांच मंडप होंगे. इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप नाम रखा गया.

4. ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह में भगवन श्री राम विराजेंगे. पहली मंजिल पर भगवान राम का पूरा दरबार सजाया जाएगा. खंभों और दीवारों में देवी-देवता और देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं.

5. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप देखने को मिलेगा. परिसर के चारों कोनों पर सूर्य, भगवती, गणेश और शिव के मंदिर बनेंगे. उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में अन्नपूर्णा और हनुमान जी का मंदिर होगा. महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, अगस्य, निषाद राज, शबरी के मंदिर प्रस्तावित हैं.

6. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया. धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है. मंदिर के नीचे फाउंडेशन को 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे आर्टफिशियल चट्टान का रूप दिया गया है.

7. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है. कुल 70 एकड़ का पूरा परिसर है. 70 फीसदी हिस्सा हरा-भरा (हरित) होगा. पर्यावरण और जल संरक्षण पर जोर दिया है.

8. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी. दिव्यांगजन और वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी.

9. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. वहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी.

10. मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है. वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.

राम मंदिर के लिए देशभर से आए उपहार

– भगवान राम की छवि से सजी चूड़ियों से लेकर 56 प्रकार के 'पेठा' और 500 किलो के लोहे-तांबे के 'नगाड़ा' और 'ओनाविलु' धनुष जैसी पारंपरिक वस्तुओं से लेकर चावल, लड्डू और सब्जियों के प्रसाद तक उपहारों के रूप में देशभर से पहुंचे हैं.

– उपहारों में कन्नौज से विशेष इत्र, अमरावती से 500 किलोग्राम 'कुमकुम' की पत्तियां, दिल्ली में एक राम मंदिर में एकत्र किया गया अनाज, भोपाल से फूल और मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से 4.31 करोड़ बार भगवान राम लिखे कागज शामिल हैं.

– अन्य भेंटों में 108 फीट की अगरबत्ती, 2,100 किलोग्राम की घंटी, 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक, सोने के जूते, 10 फुट ऊंचा ताला और चाबी और एक घड़ी शामिल है जो एक साथ आठ देशों में समय बताती है.

–  नेपाल के जनकपुर में देवी सीता की जन्मस्थली से 3,000 से अधिक उपहार भी आए हैं. श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल रामायण में वर्णित उद्यान अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार लेकर आया.

 निहंग सिंहों से लेकर इस्कॉन और देश भर के मंदिर ट्रस्टों से लेकर अयोध्या के स्थानीय लोगों तक, भक्तों को लंगर-भोजन परोसने के लिए यहां सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं.

– आमंत्रितों की सूची में 7,000 से अधिक लोग हैं. इसमें 506 ए-लिस्टर्स शामिल हैं. इस कार्यक्रम में आमंत्रित प्रमुख लोगों में बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, बिजनेस टाइकून मुकेश अंबानी और गौतम अडानी और खेल आइकन सचिन तेंदुलकर शामिल हैं. प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने वालों में राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े लोग भी शामिल हैं. समारोह में आमंत्रित लगभग सभी विपक्षी नेताओं ने शामिल होने से इनकार कर दिया है. कांग्रेस ने इसे 'भाजपा-आरएसएस कार्यक्रम' कहा है.

 

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