राष्ट्रीय

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगेगा, क्या भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा?

नई दिल्ली

आज सर्वपितृ अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। साल का अंतिम सूर्यग्रहण कन्या राशि के हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण को लेकर अक्सर लोगों के मन में डर की स्थिति देखने को मिलती है। आज सर्वपितृ अमावस्या पर एक तरफ जब लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ उनके मन में सवाल है कि क्या सूर्य ग्रहण के दौरान श्राद्ध करना सही रहेगा या फिर क्या भारत में सूतक काल मान्य होगा? आपके मन में भी अगर यही सवाल है तो आपको बता दें कि आज लगने वाला सूर्य ग्रहण कंकण सूर्य ग्रहण है, जो भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां कोई सूतककाल या ग्रहण का असर नहीं दिखाई देगा। आइए, जानते हैं आज लगने वाले सूर्य ग्रहण का समय और अगले साल कब-कब लगेगा सूर्य ग्रहण।

आज लगने वाले सूर्य ग्रहण का समय

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार 2 अक्टूबर की रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगा। वहीं, सूर्य ग्रहण का समापन 2 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर होगा। सूर्यग्रहण की अवधि 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। ऐसे में जाहिर-सी बात है कि सूर्य ग्रहण के समय के अनुसार भारत में रात हो रही होगी इसलिए यहां सूर्य नजर नहीं आएगा, जिससे सूर्य ग्रहण भारत में मान्य नहीं है।

साल 2025 में कब-कब लगेगा सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण

बात करें, अगले साल 2025 में लगने वाले सूर्य ग्रहण की तो जनवरी 2025 से लेकर दिसम्बर 2025 तक 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण होंगे यानि कुल 4 ग्रहण होंगे।

14 मार्च 2025 को लगेगा चंद्र ग्रहण

यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। जो भारतीय समय के अनुसार 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। यूरोप, आस्ट्रेलिया, आंशिक अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका में यह चंद्र ग्रहण नजर आएगा।

29 मार्च 2025 को लगेगा सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। जो 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। यह सूर्य ग्रहण पूर्ण रूप से यूरोप, उत्तरी एशिया उत्तर/पश्चिम अफ्रीका आंशिक उत्तरी अमेरिका, आदि देशों में देखा जा सकेगा।

7 सितम्बर 2025 को लगेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण

यह चंद्र ग्रहण भी उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। जो रात 8 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर रात 2 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। भारत में यह चंद्र ग्रहण भी देखा नहीं जा सकेगा। यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, पश्चिमी उत्तर अमेरिका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका आदि देशों में चंद्र ग्रहण को पूरी तरह देखा जा सकेगा।
21 सितम्बर 2025 को लगेगा आंशिक सूर्य ग्रहण

यह सूर्य ग्रहण भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। जो भारत में पूरी तरह नजर नहीं आएगा। भारतीय समय के अनुसार ग्रहण रात 11 बज शुरू होगा और सुबह 4 बजे तक चलेगा। अमेरिका समोआ, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, अटलांटिक महासागर आदि देशों में नजर आएगा।

साल का दूसरा व अंतिम सूर्य ग्रहण बुधवार, 2 अक्टूबर को लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण है, जो भारत में दर्शनीय नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी खास माना जा रहा है, क्योंकि इस दिन सर्वपितृ अमावस्या भी पड़ रही है. ऐसे में लोगों को चिंता है कि कहीं सूर्य ग्रहण के चलते पितरों के श्राद्धकर्म में कोई बाधा न आ जाए. आइए जानते हैं कि यह सूर्य ग्रहण कब, कहां और कितने बजे दिखेगा. साथ ही यह भी जानेंगे कि भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा या नहीं.

कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण?
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लग रहा है. भारतीय समय के अनुसार, इसका आरंभ 2 अक्टूबर की रात को 09.12 बजे होगा. मध्य रात्रि तकरीबन 12.15 बजे सूर्य ग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक रहेगा. ग्रहण का समापन 3 अक्टूबर की रात 03.17 बजे होगा. सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 6 घंटे 5 मिनट की होगी.

कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
खगोलविदों का कहना है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा. यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा.

क्या भारत में लगेगा सूतक काल?
शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है. चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. अन्यथा सूतक काल में शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा पाठ व उनका स्पर्श भी वर्जित है. इसलिए इस अवधि में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं.

कैसे देख सकते हैं सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए कुछ सावधानियों और सही तरीकों का पालन करना जरूरी है ताकि आपकी आंखों को नुकसान न पहुंचे. नग्न आखों से सूर्य ग्रहण कभी नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण देखने के लिए खास बनाए गए चश्मे का इस्तेमाल करें. आप दूरबीन या टेलीस्कोप का उपयोग करके सूर्य की छवि को किसी सफेद स्क्रीन या दीवार पर प्रोजेक्ट कर सकते हैं. इस विधि से आप सीधे सूर्य को नहीं देखेंगे, बल्कि उसकी छवि देखेंगे.

किन सावधानियों का पालन करें?
आमतौर पर जब सूर्य ग्रहण भारत में दिखता है तो 12 घंटे पहले इसका सूतक काल भी लग जाता है. इस काल में बहुत सारी सावधानियों का पालन भी करना पड़ता है. लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए किसी तरह के नियमों के पालन की आवश्यकता नहीं होगी. गर्भवती महिलाओं को भी किसी तरह के चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है.

क्यों खास है यह सूर्य ग्रहण?
इस सूर्य ग्रहण में सूर्य, चन्द्रमा, बुध और केतु का संयोग बनेगा. राहु और केतु का अक्ष मीन और कन्या राशि में प्रभावशाली हो जाएगा. इसमें सूर्य, मंगल और केतु का प्रभाव बना रहेगा. यह स्थिति दुनियाभर में राजनैतिक रूप से उथल-पुथल मचा सकती है. आर्थिक मोर्चे पर नई चुनौतियों का सामना होगा. कन्या और मीन राशि का प्रभाव विश्वभर में युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के संकेत दे रहा है.

ग्रहण काल में क्या करना लाभदायक होगा?
ग्रहण काल में ईश्वर के मंत्रों का जाप करना उत्तम होता है. इसमें स्तुति करना और ध्यान करना विशेष लाभकारी होता है. आप मन ही मन ईश्वर की आराधना कर सकते हैं. यह पूजा निश्चित रूप से स्वीकार होती है. अगर कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या दीक्षा लेना चाहते हैं तो वह भी ग्रहण काल में विशेष शुभ होता है. ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को कुछ न कुछ दान अवश्य करना चाहिए.

 

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