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बारात घर बना उपेक्षा का शिकार,कभी गुंजती थी शहनाई, अब पसरा है सन्नाटा
टीम एक्शन इंडिया
नई दिल्ली: कांग्रेस के शासन काल में त्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शकूरपुर वार्ड नंबर-62 में बना दिल्ली नगर निगम का बारात घर काफी लंबे अरसे से स्थानीय निगम पार्षद व निगम की उदासीनता का शिकार बना हुआ है। किसी समय मेें यह बारात घर शादी-ब्याह तथा अन्य शुभ-अवसरों पर साजो-सजावट से रहता था, लेकिन अब कुछ सालों से खंडहर में तब्दील हो चुका है।
कभी शादी की शहनाईयों से गुंजमान रहता था सामुदायिक भवन: मामले में वार्ड नंबर-62 से कांग्रेस के पूर्व पार्षद प्रत्याशी मुरारी लाल ने बताया कि यह बारातघर कांग्रेस के शासन काल में दिल्ली की तत्कालिन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा इसकी नींव रखी गई थी, उस समय यह बारात घर हमेशा ही ढोल-नगाडों से गुंजयामान रहता था, लेकिन जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है तभी से दिल्ली वासियों का बुरा समय तो आया ही, बल्कि इस बारात घर का भी बुरा समय आ गया जिसके चलते धीरे-धीरे यह बारात घर खंडहर बन गया।
नशेडियों का हो रहा है भरण-पोषण: मुरारी लाल ने बताया कि निगम की देख-रेख व चौकीदार न होने के चलते जहां एक ओर तो सामुदायिक भवन खंडहर बन चुका है, वहीं दूसरी ओर चौकीदार न होने के चलते अब इस भवन में स्मैकियों व नशेडियों न शरण लेली है, इतना ही नहीं जहां एक ओर तो यह नशेड़ी लोग इसमें नशा करते है, वहीं इस भवन में मौजूद पंखे, खिडकी, ग्रील सभी उखाड कर ले गए। जिसकी निगम को शायद कानों कान खबर भी नहीं होगी, यदि पता भी होगा तो जानबुझ कर खामोश बैठे पडे है।