अन्तर्राष्ट्रीय

बम से ज्यादा भुखमरी से मरेंगे गाजा के लोग!

गाजा सिटी.

बीते  43 दिनों से गाजा में इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इतने ही दिनों में गाजा पट्टी एकदम कंगाल नजर आने लगी है। हालात देखकर ऐसा लगता है कि बमबारी से ज्यादा लोग भुखमरी और बीमारियों से मर जाएंगे। अस्पतालों ने काम करना बंद कर दिया है। अल शिफा जैसे अस्पताल में सामूहिक कब्रें सामने आई हैं। हालात ये है कि ईंधन और खाद्य सामग्री के अभाव में लोग घासफूस खाने को भी तैयार हो रहे हैं। बहुत सारे लोग कच्चे प्याज और एगप्लांट खाकर पेट भर रहे हैं।

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिग गाजा में अब चीनी, चीज और डेयरी प्रोडक्ट खत्म हो गए हैं। जिनके पास आटा या चावल है उनके पास इसे पकाने का इंतजाम नहीं है। लोगों का कहना है कि दुकानों ओर स्टोर में खाने की चीज के नाम पर केवल तेल उपल्बध है। वहीं जहां पर कुछ चीजें मिल भी रही हैं वहां दाम तीन गुना हो गए हैं। ब्रेड मिल नहीं पा रही है। ऐसे में कई लोग पास्ता और चावल पकाकर खा रहे हैं। लेकिन इसकी भी सप्लाई बेहद कम है। आज खाने के बाद पता नहीं रहता कि कल पेट भरेगा या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक सब्जियों के खेत भी पूरी तरह तबाह हो गए हैं। ऐसे में दुकानदारों को महंगाई का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यहां के लोगों को कहना है कि इजरायल ने खेतों को निशाना बनाया है। इसके अलावा हालात ये हैं कि लोग अपने खेत तक पहुंचने की भी हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। कई लोगों के पास पैसे हैं लेकिन उन्हें कुछ ऐसा मिल ही नहीं पा रहा जिसे खरीदकर अपने परिवार को पाल सकें।

भुखमरी की बमबारी
यहां के लोगों का कहना है कि इजरायल गाजा के लोगों को भूखे मरने को मजबूर कर रहा है। बच्चों के लिए स्थिति और ज्यादा भयावह हो गई है। फ्यूल की कमी की वजह से बेकरी भी बंद पड़ी हैं। अगर किसी को ब्रेड खरीदनी भी हो तो उसे 6 से 7 घंटे तक लाइन में रहना पड़ता है। यूएन की मानें तो उत्तरी गाजा में अब कोई भी बेकरी नहीं चल रही है। यहां फ्यूल और आटा ही नहीं उपलब्ध है। ऐसे में लोग कच्चे प्याज और एगप्लांट खाने को मजबूर हैं। युद्ध शुरू होने से पहले गाजा में रोज 500 ट्रक आया करते
थे। वहीं अब एक महीने में केवल 1187 ट्रक ही आ पाए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल से युद्ध शुरू होने से पहले भी गाजा के 70 प्रतिशत बच्चे कई बीमारियों, कुपोषण, एनीमियी और वीक एम्युनिटी का शिकार थे। अब यह संख्या बढ़कर 90 फीसदी तक पहुंच गई है। वहीं इजरायल इलेक्ट्रिकल जनरेटर, सोलर एनर्जीय यूनिट, रेस्तरां को भी निशाना बना रहा है। कृषि वाली भूमि में भी बमबारी हुई है जिससे फसल जल गई। ऐसे में लोगों का कहना है कि लोग बमबारी से ही नहीं बल्कि भूख से भी मर रहे हैं। दुकानें खाली हैं। ठंड आने से पहले लोग और भी घबराए हुए हैं। इजरायल की बमबारी से अगर बच भी गए तो भूख, प्यास और ठंडे से जरूर लोग मर जाएंगे।

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