अन्य राज्यमध्य प्रदेश

एमपी कांग्रेस में नहीं थम रही नेताओं की भागदौड़

विदिशा
लोकसभा चुनाव से पहले सबसे पुरानी पार्टी को एक और झटका मिला। विदिशा में पूर्व कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए। भार्गव 2018 में मध्य प्रदेश की विदिशा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उनको पार्टी में लाने वाला और कोई नहीं बल्कि खुद शिवराज सिंह चौहान हैं।

वह विदिशा लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ संभावित उम्मीदवारों में से एक थे। हालांकि, मंगलवार को भार्गव भाजपा में शामिल हो गए। उनका भाजपा में स्वागत किसी और ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री मोहन यादव और राज्य भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित शिवराज सिंह चौहान ने किया।

बीजेपी ने हाई-प्रोफाइल विदिशा लोकसभा सीट से शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक चौहान के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। 2005 में सीएम बनने से पहले, चौहान विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार लोकसभा सांसद चुने गए थे।

भार्गव 2008, 2013, 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों और 2014 के उपचुनाव में विदिशा से कांग्रेस के उम्मीदवार थे। उन्होंने 2018 में भाजपा के मुकेश टंडन के खिलाफ 15,454 वोटों से चुनाव जीता था। 2018 में शशांक भार्गव ने बीजेपी का 46 साल पुराना किला ढहा दिया था। यह सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है। यहां कांग्रेस ने अब तक केवल दो बार जीत हासिल की है, जिसमें से एक बार शशांक भार्गव को जीत मिली थी। बीजेपी ने भार्गव को पार्टी में लाकर कांग्रेस को न सिर्फ जोरदार झटका दिया, बल्कि उसे मानसिक रुप से भी बढ़त बना ली है।

एक तरफ कांग्रेस पहले से ही उम्मीदवारों के चयन से जूझ रही है। वहीं, दूसरी तरफ BJP मांइड गेम खेलकर कांग्रेस पर मानसिक रुप से बढ़त बनाने की कोशिश में है। इस बार BJP मध्य प्रदेश में क्लीन स्वीप करना चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। बची हुई छिंदवाड़ा सीट पर पूर्व सीएम कमलनाथ के वर्चस्व वाली सीट है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button