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देश की सीमाओं की सुरक्षा में हरियाणा के लाल डटे, तीनों सेनाओं में सर्वाधिक हरियाणा का योगदान

चंडीगढ़
देश की सीमाओं की सुरक्षा में हरियाणा के लाल डटे हैं। देश की तीनों सेनाओं में सर्वाधिक हरियाणा का योगदान है। यही योद्धा प्राणों की बाजी लगाकर देश को सुरक्षित रखते हैं। यही कारण है कि हरियाणा को योद्धाओं की माटी भी कहा जाता है। कारगिल युद्ध के दाैरान भी प्रदेश के 75 सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था।

हरियाणा सैनिक प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष एवं रिटायर कर्नल आरएस सुहाग का कहना है कि 1965 का युद्ध हो या फिर 1971 और 1999 का कारगिल युद्ध, हर मोर्चे पर हरियाणा के वीर सैनिक डटे रहे। जल, थल और वायु सेना में हरियाणा के करीब 2.75 लाख सैनिक कार्यरत हैं।

इसी तरह से सेना से सेवानिवृत्त सैनिकों की संख्या भी करीब तीन लाख तक है। वायु सेना से सेवानिवृत्त अधिकारी व हरियाणा एक्स सर्विसमैन लीग के सदस्य नरेश खोखर और नौसेना से पेटी ऑफिसर पद से सेवानिवृत्त झज्जर निवासी मनोज का कहना है कि सीमा पर तैनात रहने के दाैरान की छोड़िए प्रदेश के सेवानिवृत्त सैनिकों में भी देशसेवा का जज्बा रहता है।  

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