अन्य राज्यछत्तीसगढ़

गणतंत्र दिवस परेड में दिखेगी छत्तीसगढ़ की ‘आदिम जनसंसद की झांकी; मुरिया दरबार और लिमऊ राजा होंगे आकर्षण

नई दिल्ली.

इस बार नई दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में लोग छत्तीसगढ़ के बस्तर की मुरिया दरबार और कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर के लिमऊ राजा की संस्कृति देखेंगे। लोग छत्तीसगढ़ की संस्कृति से रू-ब-रू होंगे। देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी "बस्तर की आदिम जनसंसद- मुरिया दरबार" को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने इस साल नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित कर लिया है।

इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है। नई-दिल्ली राजपथ पर होने वाली परेड के लिए 28 में से 16 राज्यों का चयन किया गया है। झांकी का अनूठा विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में कामयाब रहा। झांकी की थीम और डिजाइन स्थानीय स्तर पर वृहद अन्वेषण और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तैयार की गई। इस विषय वस्तु पर आधारित झांकी को पांच चरणों की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सामने थीम और डिजाइन के चयन के बाद झांकी का थ्रीडी मॉडल प्रस्तुत किया गया। अंत में संगीत चयन के साथ ही झांकी को अंतिम स्वीकृति मिल गई। झांकी की थीम और डिजाइन ने चयनकर्ताओं को खासा आकर्षित किया।

क्यों बेहद खास है छत्तीसगढ़ की ये झांकी?
छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम 'भारत लोकतंत्र की जननी' पर आधारित है। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है। इस झांकी में केंद्रीय विषय "आदिम जन-संसद" के अंतर्गत जगदलपुर के मुरिया दरबार और उसके उद्गम-सूत्र लिमऊ-राजा को दर्शाया गया है। मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है,  जो 600 सालों से चली आ रही है। इस परंपरा के उद्गम के सूत्र कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था।

जानें, कैसे होता है चयन
 गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाली झांकियों के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालय और विभागों से रक्षा मंत्रालय प्रस्ताव मांगता है। इन प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जाता है। झांकियों के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति के साथ विभिन्न चरणों में कई बैठकें होती हैं। कमेटी में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति, कोरियोग्राफर आदि शामिल रहते हैं। विशेषज्ञ समिति थीम के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है। सिफारिशें करने से पहले कमेटी की ओर से अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव पर ध्यान दिया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/