अन्य राज्यमध्य प्रदेश

सोयाबीन पर इल्ली का प्रकोप दिखाई दे रहा है जिसके चलते फसलें प्रभावित हो रही, कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह

शाजापुर
जिले में कुछ दिन से सोयाबीन पर इल्ली का प्रकोप दिखाई दे रहा है जिसके चलते फसलें प्रभावित हो रही हैं। जुलाई के अंत और अगस्त के पहले सप्ताह में पहले तो निरंतर तेज वर्षा से फसल को नुकसान हुआ, अब इल्लियां पौधे और उनके पत्ते को काट रही हैं। कुछ क्षेत्र में तो इल्ली प्रकोप इतना बढ़ गया है कि अंचल में पांच से 10 फीसदी तक फसलें प्रभावित हो रही हैं।

जिले के जामनेर,अकोदिया, गुलाना, पोलायकलां,उगली, सलसलाई, मक्सी आदि क्षेत्रों में जब वर्षा का दौर शुरू हुआ, तो निरंतर वर्षा से नुकसान हुआ और अब मौसम साफ है तो इल्ली प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। अभी 40 से 45 दिन की फसल हो गई है। निचले क्षेत्र की सोयाबीन के पौधे पीले पड़ने लगे हैं। अब मौसम खुला और धूप निकली तो पानी की निकासी होने लगी है। जिले में इस साल दो लाख 70 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है। वर्षा की कमी के चलते के पौधों की बढ़वार तो हो रही है लेकिन छेदक इल्लियों व अन्य कीटो के कारण फसल प्रभावित हो रही है। किसान हेमराज, राजाराम वर्मा का कहना है कि छेदक इल्लियों के कारण फसल खराब हो रही है। तेज वर्षा नहीं हुई तो फसल खराब हो जाएगी।

वैज्ञानिकों ने दी सलाह
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि अंचल के किसानों को निगरानी सहित फसल बचाने के सुझाव दे रहे हैं। इल्लियों के नियंत्रण के उपाय हैं, या तो तेज वर्षा हो या तेज धूप खिले, किसान कीटनाशक का छिड़काव समय पर करें। समय पर कीटनाशक छिड़काव नहीं हो पाने के कारण इल्लियों का प्रकोप कई क्षेत्रों में है।

सोयाबीन में फूल आ गए
जल्दी पकने वाली वैराइटी में फूल आ गए हैं। किसान कीटनाशक का छिड़काव भी कर रहे हैं। यदि समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में काफी नुकसान हो सकता है। जिन खेतों में पानी जमा नहीं है वहां फसल लहलहा रही है, लेकिन वर्षा के चलते जो खेत जलमग्न हैं। फसलें पानी में डूबी हुई थीं, जिससे सोयाबीन, मक्का, उड़द, तुअर व तिल्ली की फसलोंं के पौधे जड़ सहित सड़ने के साथ पत्ते सूखकर पीली पड़ने लगे हैं। किसान जमना प्रसाद विश्वकर्मा ने बताया कि उनकी मक्का फसल आड़ी हो गई है। वहीं खेत में पानी जमा होने से सोयाबीन सड़ने लगे हैं। भुट्टे में दो- तीन इल्लियां हैं।|

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button