तीन गांवों के लिए नहीं है पानी व सड़क की व्यवस्था

कोरिया। एएनएन (Action News Network)
बैकुण्ठपुर तहसील में आने वाले ग्राम पंचायत पोटेडांड के लोग बुनियादी सुविधाओं को लेकर आज भी जूझ रहे हैं। इस पंचायत की आबादी लगभग डेढ़ हजार है लेकिन यहां पेयजल और सड़क सहित अन्य कई बुनियादी समस्याएं हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशानिक उदासीनता के कारण हम इन बुनियादी सुविधाओं के बीच जीने काे मजबूर हैं। यहां स्वास्थ सुविधा का भी हाल बेहाल है। मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर चिरमिरी बैकुण्ठपुर मुख्य मार्ग से लगभग 4 किलोमीटर अंदर स्थित ग्राम पोटेडांड के अंतर्गत मदनपुर, टेंगनी सहित तीन गावं आते हैं। इनकी आबादी लगभग 1500 है।
पेयजल की गंभीर समस्या
यहां संचालित और आंगनबाड़ी केंद्र में पेयजल की बड़ी समस्या है। पोटेडांड में इंदिरा नलजल योजना के तहत भी पेयजल उपलब्ध कराने की कोशिश की गई। स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण यह सुविधाएं भी फेल हो गई हैैं। ग्रामीणों ने नलजल योजना के बारे में पूछे जाने पर बताया कि बीते दो साल से बंद है। इसलिए दो तीन किलोमीटर दूर हैंडपंप से पानी लाना पड़ता है। ग्रामीण दैनिक निस्तार के लिए पास स्थित तालाब से गुजारा करते है। पीने के लिए पानी दूर स्थित अन्य हैंडपंप से लाते है। कलावती ने बताया कि पोटेडांड में ही स्थित एक और हैंडपंप से लाल पानी निकलता है। जो पीने लायक नहीं है।
प्राइमरी, मिडिल स्कूल व आंगनबाड़ी एक ही परिसर में
गांव में बच्चोें की शिक्षा के लिए प्राथामिक, मिडिल स्कूल के साथ ही आंगनबाडी केंद्र का भी संचालन एक ही परिसर में होता है। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल में दो हैंडपंप है, जिसमें से एक खराब है और दूसरे में काफी मशक्कत के बाद एक बाल्टी पानी निकलता है।
गांव में बनी है कच्ची सड़क
बारिश में कीचड़ से परेशानी तीनों ही गांव में अब तक एक भी पक्की या सीसी सड़क नहीं बनाई गई है। यहां के लोग कच्ची सड़क से ही आना-जाना करते हैं। बारिश के दिनों में मिट्टी की सड़क होने से कीचड़ भर जाता है। इसके कारण लोगों को आने जाने में परेशानी होती है। बारिश के दिनों में ये गावं पूरी तरह से मुख्य मार्ग से कट जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार पंचायत प्रतिनिधियों से सीसी सडक बनाने की मांग की गई लेकिन आज तक इसे नहीं बनवाया गया है। हर साल बारिश के बाद गड्ढों को भरने के लिए कच्ची सड़क की मरम्मत करा दी जाती है।