राजनीतिक

मोदी लहर में भी जेपी के वो 9 सांसद जो विधायक का चुनाव हार गए

 नईदिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा आगे कर चुनाव मैदान में उतरी भारती जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीन राज्यों में जीत हासिल की है. बीजेपी ने पांच राज्यों के चुनाव में 21 सांसदों को टिकट दिया था.इनमें से 12 सांसद चुनावी लड़ाई जीतकर विधानसभा पहुंचने में सफल रहे हैं. वहीं, नौ सांसद ऐसे भी हैं जिनकी कश्ती चुनावी वैतरणी में डूब गई. इनमें से छह सांसद राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से हैं जहां मोदी लहर पर सवार बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है.

प्रचंड मोदी लहर में भी विधानसभा चुनाव हार गए ये नौ सांसद कौन हैं? इसकी चर्चा से पहले ये जान लेना भी जरूरी है कि बीजेपी ने किस राज्य में कितने सांसदों को, किन सांसदों को टिकट दिया था?

बीजेपी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में 7-7, छत्तीसगढ़ में 4 और तेलंगाना में 3 सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाया. मध्य प्रदेश में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और राव उदय प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया था. इनमें तोमर, पटेल, राकेश सिंह, रीति पाठक और राव उदय प्रताप सिंह चुनाव जीत गए. कुलस्ते और गणेश सिंह चुनाव हार गए हैं.

वहीं, राजस्थान में राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, बालकनाथ, नरेंद्र कुमार, देव जी पटेल और भागीरथ चौधरी के साथ ही राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी चुनाव मैदान में उतरे थे. इन सात में से चार सांसद- राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ और किरोड़ीलाल मीणा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए. बाकी तीन सांसद विधानसभा चुनाव की डगर भी पार नहीं कर सके.

ऐसी ही तस्वीर छत्तीसगढ़ में भी है. बीजेपी ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और गोमती साय के साथ ही दो और सांसदों अरुण साव, विजय बघेल को भी चुनाव लड़ाया. विज बघेल को छोड़कर बाकी तीन सांसद चुनाव जीत गए. तेलंगाना में बीजेपी ने बंदी संजय, अरविंद धर्मपुरी और सोयम बापूराव को चुनाव मैदान में उतारा. ये तीनों ही सांसद चुनाव हार गए.

ये नौ सांसद कौन हैं जो मोदी लहर में भी हार गए

मध्य प्रदेश की निवास सीट से केंद्रीय इस्पात मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सतना सीट से गणेश सिंह चुनाव हार गए हैं. फग्गन सिंह कुलस्ते मध्य प्रदेश में बीजेपी के बड़े आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं. वहीं, चार बार के सांसद गणेश सिंह भी विंध्य क्षेत्र में मजबूत पकड़ वाले नेता माने जाते हैं. राजस्थान में चुनावी बाजी हार गए नरेंद्र कुमार, देव जी पटेल और भागीरथ चौधरी की गिनती भी मजबूत नेताओं में होती है. छत्तीसगढ़ में विजय बघेल को पार्टी ने भूपेश बघेल के सामने पाटन सीट से मैदान में उतारा था. विजय बघेल दुर्ग से सांसद हैं और रिश्ते में भूपेश के भतीजे लगते हैं.

तेलंगाना चुनाव में बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय, अरविंद धर्मपुरी, सोयम बापूराव को भी मात मिली है. बंदी संजय और अरविंद धर्मपुरी, दोनों ही नेताओं के नाम काफी चर्चा में रहे हैं. बंदी संजय ने तेलंगाना बीजेपी का अध्यक्ष रहते हुए केसीआर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रखा, पदयात्रा भी की. कहा जाता है कि केसीआर के खिलाफ माहौल बनाने का काम बंदी संजय ने ही किया लेकिन वे खुद अपनी सीट नहीं जीत सके. अरविंद धर्मपुरी 2019 के लोकसभा चुनाव में केसीआर की बेटी के कविता को हराकर चर्चा में आए थे.

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