अन्तर्राष्ट्रीय

हजारों शरणार्थियों को ब्रिटेन से रवांडा भेजा जाएगा, चार्टर्ड प्लेन तैयार

लंदन

ब्रिटेन की संसद ने विवादित रवांडा डिपोर्टेशन बिल पारित कर दिया है. संसद के दोनों सदनों में हंगामे के बीच इस बिल को हरी झंडी दिखा दी गई. इसके साथ ही ऋषि सुनक ने अपना सबसे बड़ा वादा पूरा कर दिया है. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले देश में रवांडा पॉलिसी लागू करने का वादा किया था.

ऋषि सुनक का कहना है कि 10 से 12 हफ्तों के भीतर  ब्रिटेन से अवैध शरणार्थियों के पहले जत्थे को रवांडा भेजना शुरू किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने कमर्शियल चार्टर प्लेन बुक किए हैं और स्टाफ को प्रशिक्षण दिया है ताकि वे शरणार्थियों को रवांडा ले जा सकें. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जनवरी से मार्च के बीच इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचने वालों की संख्या 4600 से अधिक है.

रवांडा पॉलिसी सुनक के सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक है और उन्हें उम्मीद है कि इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में उनकी कंजरवेटिव पार्टी को इससे मदद मिलेगी. बता दें कि हाल के सालों में हजारों की संख्या में लोग गरीबी और युद्ध की मार से परेशान होकर अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशियाई देशों से ब्रिटेन पहुंचे हैं. ये लोग अपनी जान जोखिम में डाल छोटी-छोटी नौकाओं से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन पहुंचते हैं. इन शरणार्थियों को रोकना ब्रिटेन सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है लेकिन आलोचकों का कहना है कि शरणार्थियों को रवांडा भेजना अमानवीय है. ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट भी शरणार्थियों को रवांडा डिपोर्ट करने की पॉलिसी को गैरकानूनी करार दिया है.

ब्रिटेन की रवांडा पॉलिसी विवादित क्यों है?

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की रवांडा पॉलिसी लगातार विवादों में बनी हुई है. वह अवैध रूप से ब्रिटेन आने वालों के लिए बनाई गई रवांडा पॉलिसी को लेकर कई बार घिर चुके हैं. ब्रिटेन की रवांडा पॉलिसी उन रिफ्यूजियों पर लागू कर रहे हैं, जो इंग्लिश चैनल पार करके आ रहे हैं. ये वे लोग हैं, जो अवैध तरीके से ब्रिटेन पहुंचते हैं.

ब्रिटिश नेशनलिटी एंड बॉर्डर्स एक्ट के मुताबिक, केवल उन्हीं लोगों को देश में शरण मिल सकती है, जो वैध ढंग से आए हों और यूरोप के किसी देश के रहने वाले हों. लेकिन ज्यादातर लोग युद्ध में घिरे देशों से भागकर आए हैं. ब्रिटेन उन्हें वापस भगाकर खुद को क्रूर नहीं दिखा सकता. यही वजह है कि उसने रवांडा के साथ ऐसा करार किया जिससे वहां आए अवैध लोग रवांडा डिपोर्ट किया जाए. ब्रिटेन और रवांडा के बीच अप्रैल 2022 में इस असाइलम पॉलिसी पर एग्रीमेंट हुआ था. इसे इकोनॉमिक डेवलपमेंट पार्टनरशिप कहा गया.

रवांडा को बदले में 12 करोड़ पाउंड!

ब्रिटेन ने रवांडा के साथ हुए इस एग्रीमेंट के बदले में उसे 12 करोड़ पाउंड दिए हैं. इन पैसों से रवांडा शरण चाहने वालों के लिए घर, काम का बंदोबस्त करेगा, जब तक कि उनके ब्रिटेन में शरण लेने का आवेदन स्वीकार न हो जाए. बाकी पैसों को वो अपने वेलफेयर में लगा सकता है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button