अन्य राज्यमध्य प्रदेश

भोपाल के तीन विजेताओं ने पूरी की दुनिया की सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन, बनाया इतिहास

भोपाल
 मैराथन वैसे ही बहुत कठिन स्पर्धा होती है। उस पर औसतन चार हजार मीटर की ऊंचाई वाले खारदुंग ला दर्रे पर 72 किमी तक दौड़ना स्टेमिना, धैर्य और कौशल की कड़ी परीक्षा है।

भोपाल के तीन लोगों ने इस बार दुनिया की इस सबसे ऊंची अल्ट्रा मैराथन को पूरा करके इतिहास रच दिया है। डाक विभाग में कार्यरत 48 साल के विनोद गोडबोले और आईटी पेशेवर धर्मेंद्र जोगी (35) और आदर्श सक्सेना (30) ने पिछले दिनों यह दौड़ पूरी की।

लद्दाख में आयोजित होने वाली खारदूंगा ला चैलेंज दुनिया की सबसे ऊंची सड़क पर आयोजित होने वाली अल्ट्रा मैराथन है। धावक विनोद गोडबोले ने बताया कि लद्दाख में छठवीं खारदुंग ला चैलेंज का आयोजन 12 सितंबर को हुआ था। इसमें 72 km की दौड़ 14 घंटे में की जानी थी। उन्होंने 10 घंटे 29 मिनट में दौड़ पूरी की।

धर्मेंद्र जोगी ने 10 घंटा 10 मिनट और आदर्श सक्सेना ने 10 घंटा 40 मिनट का समय लिया। यह दौड़ खारदुंग गांव से शुरू होकर विश्व के तीसरे सबसे ऊंचे पक्के सड़क मार्ग वाले खारदुंग ला दर्रे से होते हुए लेह शहर के मुख्य बाजार तक पूरी करनी होती है।

दौड़ने से पहले दो मैराथन का अनुभव जरूरी

गोडबोले ने बताया इस स्पर्धा में शामिल होने से पहले प्रतिभागी के पास पांच घंटे से कम समय में दो मैराथन पूरी करने का अनुभव होना जरूरी है। मैंने पहले भी कई मैराथन को पूरा किया है। तैयारी के लिए भोपाल की टेकरी पर एलिवेशन रन का अभ्यास किया था।

खारदुंगला टॉप चैलेंज

    यह दौड़ लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों में आयोजित की जाती है, जिसकी ऊंचाई 4000 मीटर से अधिक है।

    इस दौड़ में 32 किमी की चढ़ाई और 40 किमी की ढलान है।

    दौड़ का प्रारंभ बिंदु खारदूंग गांव है, जो 3975 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

    दौड़ का सबसे ऊंचा बिंदु खारदुंगला टॉप है, जो 5370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

    दौड़ रात को तीन बजे शुरू होती है और अगले दिन शाम पांच बजे खत्म होती है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button