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अतिवर्षा और बाढ़ से निपटने के लिए विभाग सौंपी गई जिम्मेदारी के अनुरूप कार्यवाही करें : मुख्य सचिव जैन

भोपाल 
मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने मानसून के दृष्टिगत बाढ़ से निपटने की पूर्व तैयारियों के संबंध में विभागवार अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारी के अनुरूप कार्यवाही करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाढ़ उन्मुख जिले, पिछले तीन वर्षों की वर्षा के आकड़े और आगामी मानसून काल 2025 के वर्षा संबंधित पूर्व अनुमानों की जानकारी से विभागों को अवगत करया गया है। विभागीय अधिकारी उनको सौपे गये दायित्वों संबंधी सभी आवश्यक कार्यवाहियों को 25 जून तक पूर्ण करना सुनिश्चित करेंगे।

प्रमुख सचिव राजस्व श्री विवेक पोरवाल ने बताया कि सभी विभागों को आवश्यक निर्देश भेज दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गृह विभाग आपदा प्रबंधन के लिए नोडल विभाग है। अतिवर्षा और बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य की स्थिति में गृह विभाग एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ और सेना से समन्वय स्थापित करके आवश्यक कार्यवाही करता है। विभाग के प्रमुख दायित्व पुलिस और होमगार्ड के पास उपलब्ध मोटर वोट आदि बाढ़ बचाव सामाग्रियों को तैयार हालात में रखना पुलिस और होमगार्ड के जवानों को बाढ़ बचाव से संबंधित आवश्यक प्रशिक्षण देना आदि शामिल है। राजस्व विभाग सभी कलेक्टर्स को बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में निर्देश और चेक लिस्ट जारी करेगा। चेक लिस्ट में आपदा संवेदनशील क्षेत्रों का आकलन, बाढ़ उन्मुख नदियाँ, बड़े बांधों की सूची, बाढ़ के मुख्य कारण, पूर्व सूचना और प्रचार-प्रसार की प्रणाली, आपातकालीन कार्यवाहियों आदि के विषय में कार्यवाही करने के लिए सभी संभाग आयुक्तों और कलेक्टर्स को निदेश दिए गए।

अतिवर्षा और बाढ़ से बचाव के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कहा गया है कि विभाग निचले स्थानों की पहचान करेगा, अतिवर्षा के कारण नदी-नाले उफान पर होने के कारण इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ग्रामीण सड़कों के संबंध में ऐसे पुल पुलिया या रपटे जो पानी में डूबते हैं उनका चिन्हांकन करेगा। निचले क्षेत्रों, रपटों की पहचान कर बोर्ड लगाकर मार्किंग कराएं। बोर्ड लगाने के साथ-साथ वेरियर और एक व्यक्ति की नियुक्ति की जाए। जल संसाधन विभाग को राज्य में स्थित सभी बांधों, तालाबों के तटबंधों की सुरक्षा की दृष्टि से निरीक्षण और वर्षा पूर्व आवश्यक मरम्मत नदियों के जल स्तर की निगरानी, बांधों के जल स्तर की निगरानी, पानी छोडने की जानकारी संकलित करना शामिल है। विभाग के द्वारा 15 जून से 15 अक्टूबर तक बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24X7 संचालित किया जाएगा। बांधों के गेट खोलने और बाढ़ रोकने के लिए बेहतर जल प्रबंधन के दृष्टिगत अंतर्राज्यीय बैठकें भी आयोजित की जाती है। मुख्य सचिव ने इस संबंध में निर्देश दिए कि अपरिहार्य परिस्थितियों में बांधों से पानी छोडने से प्रभावित क्षेत्रों और संबंधित विभागों की मेपिंग की जाकर पूर्व सूचना दी जाने की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित करें। बांधों में जलभराव का स्तर मेनटेंन रखा जाए और प्रिडिक्शन लेवल समय से जारी किए जाएं ताकि बाढ़ से बचाव हो सके। सभी जलाशयों और नदियों के संबंध में बाढ़ के स्तर की सघन मानिटरिंग की जाए ताकि समय रहते आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें। इस संबंध में नर्बदाघाटी विकास प्राधिकरण को कहा गया है कि बडे बांधों में पानी छोड़ने का समन्वय, कंट्रोल रूम की स्थापना, डूब क्षेत्र में हुई अनाधिकृत बसाहटों को हटवाना सुनिश्चित करें। जलाशयों के गेट खोले जाने पर बाढ़ का जल निचले क्षेत्र की बस्तियों में पहुंचने संबंधित सूचना का प्रचार-प्रसार समय पूर्व किया जाए।

अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण का दायित्व है कि वह बाढ़ के संभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा और दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। बाढ़ की स्थिति में आपातकाल में उपयोग के लिए चिकित्सा दलों के गठन, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में फेलने वाली बीमारियों से बचाव की तैयारी रखेगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पेयजल स्त्रोतों की गुणवत्ता का परीक्षण बाढ़ के संभावित क्षेत्र में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है। विभाग दूषित पेयजल संरक्षित कर शुद्धिकरण किया जाना सुनिश्चित करेगा। विभाग शुद्ध पानी के लिए क्लोरिन टेवलेट के वितरण और उसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।

नगरीय विकास और आवास विभाग नगरीय क्षेत्र में नाले और नालियों की सफाई की व्यवस्था, जल निकासी के स्थल, नालों के उपर से अतिक्रमण हटाना, निचली बस्तीयाँ खाली करवाना और अस्थाई केम्पों के लिए स्थलों का चिन्हांकन करेगा। साथ ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, कर्मचारियों का प्रशिक्षण, बाढ़ बचाव के लिए सामग्री का चिन्हांकन भी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, महिला बाल विकास विभाग, ऊर्जा, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, पशुपालन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को भी अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयारियाँ रखने के लिए कहा गया है।

 

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