महाराष्ट्र से टोल और गुजरात में बिजनेस? अटल सेतु पर ₹250 वसूलने के प्लान पर भड़की उद्धव सेना
नई दिल्ली
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिव सेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार के उस फैसले पर सवाल खड़ा किया है, जिसके तहत अटल सेतु पर राज्यवासियों से टोल के रूप में 250 रुपये वसूलने का निर्णय लिया गया है। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुवार को अटल सेतु पर अब 250 रुपये टोल वसूलने का फैसला किया गया है। इससे पहले मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने टोल की दर 500 रुपये तय की थी, जिसे शिंदे सरकार ने आधा कर दिया है।
इस बीच, आदित्य ठाकरे ने पूछा है कि महाराष्ट्रवासियों को टोल का भुगतान करने के लिए शिंदे सरकार मजबूर क्यों कर रही है, जबकि वह उद्योगों और निवेशों को गुजरात भेज रही है। आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'अवैध मुख्यमंत्री को चुनौती' नाम से पोस्ट में लिखा, “रोजगार सृजन उद्योगों को पड़ोसी पसंदीदा राज्य में भेजने के बाद, कम से कम एमटीएचएल को टोल फ्री रखें… हम महाराष्ट्र में क्यों भुगतान करें.. कर दें, टोल दें, उनकी गंदी राजनीति के लिए भुगतान करें… जबकि उनके पसंदीदा राज्य,जो हमारा पड़ोसी है, में उद्योगों और निवेश तब जबरन भेजे जा रहे हैं, जब वह इसके लिए तैयार नहीं भी है?" बता दें कि देश के सबसे लंबे समुद्री पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के उद्धाटन से पहले राज्य सरकार ने मुंबईकरों को बड़ी राहत देते हुए टोल टैक्स में 50 फीसदी की छूट का ऐलान किया है। एमटीएचएल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल सेतु रखा गया है। इसका उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 जनवरी को करेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को देश के सबसे लंबे समुद्री पुल अटल सेतु (एमटीएचएल) का उद्घाटन करेंगे। मुंबई के सेवरी और रायगढ़ जिले के न्हावा शेवा क्षेत्र के बीच 21.8 किलोमीटर लंबे पुल पर 250 रुपये टोल शुल्क वसूलने के फैसले को मंजूरी दी गई। सूत्रों के मुताबिक, इस रकम में हर साल 6 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। परेशानी मुक्त आवागमन के लिए यात्रियों को दैनिक और मासिक पास भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
यह समुद्री पुल मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा जो राज्य के दो सबसे बड़े शहरों को जोड़ता है। छह लेन वाले इस पुल का 16.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा समुद्र के ऊपर है, जबकि 5.5 किलोमीटर हिस्सा जमीन पर है। इसे 17,800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मुंबईकर अब 20-25 मिनट में नवी मुंबई पहुंच सकेंगे, जबकि पुरानी मुंबई-नवी मुंबई सड़क से 45 मिनट लगते थे।