धान की सीधी बिजाई तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
टीम एक्शन इंडिया
पानीपत/कमाल हुसैन
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र, ऊझा, पानीपत में धान की सीधी बिजाई तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र व अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया।
जिसकी अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉक्टर राजबीर गर्ग ने की। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि धान की सीधी बिजाई आज के समय की जरूरत है क्योंकि धान की सीधी बिजाई से पानी की बचत के साथ श्रम, ऊर्जा व ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होता है।
इस विधि से बिजाई करने के लिए किसान भाइयों को प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए क्योंकि इसमे कई एसे बिंदु हैं जिसके बारे में ज्ञान होना जरूरी है इस विधि से आप पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1692, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1121, पी बी 1718, पी बी 1885 आदि किस्मों की बिजाई कर सकते हैं। इस विधि से बीजाई करने में खरपतवार एक मुख्य समस्या होती थी, परंतु अब वैज्ञानिकों ने ऐसे खरपतवारनाशी निजात कर दिए हैं जिससे लगभग हर एक प्रकार के खरपतवारों पर नियंत्रण किया जा सकता है।
उन्होंने किसान भाइयों से अपील की कि वे अंधाधुंद खरपतवारनाशीयों का प्रयोग ना करें बल्कि खरपतवार के प्रकार के हिसाब से वैज्ञानिकों व कृषि विकास अधिकारी के परामर्श पर ही स्प्रे करें। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर परोलॉय देव ने बताया कि धान की सीधी बिजाई दो विधियों से कर सकते हैं। दोनों विधियों में किसान भाइयों के अलग-अलग अनुभव हैं।