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भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार सतीश एलिया के पूज्य पिताजी, पं. गयाप्रसाद जी एलिया के देवलोकगमन अर्पित की श्रद्वांजलि

पं. गयाप्रसाद एलिया जी का पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित रहा- श्री विश्वास सारंग
पं. एलिया जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अलग जगाकर लोगों का जीवन संवारने का काम किया- आशीष उषा अग्रवाल
पं. एलिया जी ने संस्कारवान शिक्षा देने का कार्य किया- पद्यश्री श्री विजयदत्त श्रीधर
भोपाल

भोपाल के वरिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार श्री सतीश एलिया के पूज्य पिताजी पं. गयाप्रसाद जी एलिया के देवलोकगमन उपरांत बुधवार को माधवराव सप्रे संग्रहालय में आयोजित श्रद्वांजलि सभा में शोक संवेदना व्यक्त कर पं. गयाप्रसाद जी एलिया के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया गया।

प्रदेश शासन के मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि पं. गयाप्रसाद एलिया जी ने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया। वे शिक्षा के क्षेत्र में जो अलख जगाई, उससे गंजबासौदा और आस-पास के क्षेत्र के सैकड़ोंघर आज रोशन हो रहे हैं। स्व. एलिया जी का पूरा जीवन एक आदर्श पिता, आदर्श शिक्षक व समाजसेवी का रहा है। पं. गयाप्रसाद जी गंजबासौदा तथा आसपास के क्षेत्रों में एक सम्मानित प्रधानाध्यापक, ज्योतिषविद और भागवत कथाचार्य के रूप में प्रसिद्ध थे। आज के युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर कार्य जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। उनके बताए मार्ग पर चलकर आज उनके पुत्र व छात्र आज समाज में अपनी आभा बिखेर रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री आशीष उषा अग्रवाल ने कहा कि आज हम यहाँ ऐसी पुण्यात्मा के शोक संवेदना में एकत्रित हुए हैं, जिनका पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित रहा। स्व. गयाप्रसाद एलिया जी ने शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाकर लोगों का जीवन संवारने का काम किया। उनकी धार्मिक, सामाजिक और शैक्षिक सेवा ने कई जीवनों को प्रेरित किया और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पं. गया प्रसाद जी एलिया एक शिक्षा एवं समाजसेवी थे, जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका जीवन विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय रहा, और वे समाज में जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। उन्होंने अपने जीवन में कई ऐसे कार्य किए जिनसे समाज में शिक्षा का स्तर ऊंचा हुआ और अनेक गरीब और पिछड़े वर्ग के लोग भी शिक्षा से जुड़ सके। स्व. गयाप्रसाद जी ने न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक सुधार के लिए भी कार्य किए हैं। पं. गया प्रसाद जी का व्यक्तिगत जीवन बेहद साधारण व अनुकरणीय था। उनका हर कदम समाज के भले के लिए था। इस कठिन समय में हम श्री सतीश एलिया जी के परिवार के साथ हैं। प्रभु पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिवार को दुःख सहन करने की असीम शक्ति प्रदान करें।

माधवराव सप्रे संग्रहालय के संस्थापक व संरक्षक पद्यश्री विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि स्व. गयाप्रसाद जी ने अपने पूरे शिक्षकीय जीवन में संस्कारवान शिक्षा देने का कार्य किया। लोगों के जीवन में शिक्षा का कितना महत्व है, उससे कहीं अधिक महत्व संस्कारों का भी है। स्व. एलिया जी ने संस्कारों के महत्व को समझते हुए छात्रों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए, जो आज की पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्रोत से कम नहीं है। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार, प्रबुद्वजन एवं समाजसेवियों व गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें श्रद्वांजलि अर्पित कर नमन किया।

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