इंदौर (मध्यप्रदेश)। देश भर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के नाम से फर्जी अंकसूचियां बनाकर बेचने वाले एक गिरोह का खुलासा करते हुए सोमवार को इंदौर में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अभिषेक आनंद ने संवाददाताओं को बताया कि मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिनेश सेवकराम और मनीष राठौर के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि यह गिरोह कक्षा आठ से लेकर होम्योपैथी, आयुर्वेद और फार्मेसी के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों तक की फर्जी अंकसूचियां बनाकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेचता था। डीसीपी ने शुरुआती जांच के हवाले से बताया कि गिरोह ने पिछले पांच साल के दौरान मध्यप्रदेश के साथ ही दिल्ली, पंजाब, बिहार और राजस्थान के उच्च शिक्षण संस्थानों के नाम से कम से कम 500 फर्जी अंकसूचियां बेची हैं।
आनंद ने बताया, ‘‘आरोपियों ने कुछ ऐसे विश्वविद्यालयों की फर्जी अंकसूचियां भी बनाकर बेच दीं जिनका हकीकत में कोई वजूद ही नहीं है।’’ डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से कुछ विश्वविद्यालयों की नकली मुहर भी जब्त की गई है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह से कुछ विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के भी जुड़े होने का संदेह है। उन्होंने कहा, “गिरोह के खिलाफ विस्तृत जांच जारी है और फर्जी अंकसूचियां खरीदने वाले लोगों के खिलाफ भी उचित कदम उठाए जाएंगे।”