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दिल्ली की 70 सीट से लड़ना चाहते हैं दो हजार भाजपाई

टिकट देना भाजपा हाईकमान के लिए बना चुनौती

  • टिकट देना भाजपा हाईकमान के लिए बना चुनौती

  • हर जगह हो गई है एक अनार और सौ बीमार वाली हालत

  • हर सीट से दर्जनों भाजपा नेताओं ने ठोंकी अपनी-अपनी दावेदारी

  • एरिया सर्वे की बाद दिए जाएंगे टिकट

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी तक उम्मीदवारों की घोषणा तो नहीं की है। लेकिन हर सीट से दर्जनों भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी अपनी दावेदारी ठोंक दी है। इससे भाजपा हाईकमान के सामने टिकट बांटना चुनौती बना हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का लगभग सूपड़ा साफ़ हो गया था और उसको बस 8 सीट ही मिली थी। यही वजह है कि भाजपा टिकट देने की मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रही है। भाजपा केवल उन उम्मीदवारों को टिकट देना चाहती है जो चुनाव में जीत सकें और जिनकी अपने एरिया में अच्छी पकड़ हो। लेकिन यह काम आसान नहीं है। इसलिए हर विधानसभा में भाजपा सर्वे करवा कर यह देख रही है कि किस नेता का कितना पॉवर है। जल्दबाजी में खेल बिगड़ भी सकता है और पार्टी को बगावत झेलनी पड़ सकती है।

कमजोर उम्मीदवारों को मौका देकर भाजपा कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहती है। तभी भाजपा ने 14 जिलों में 14 पर्यवेक्षक तैनात किये हैं ताकि वे हर एरिया में पता कर सकें पब्लिक किस भाजपा नेता को वोट देना पसंद करेगी। फिर उस हिसाब से सबसे लोकप्रिय भाजपाई को टिकट देने का फैसला करेगी। बताया जाता है कि भाजपा से जुड़ी टीम इस काम में पर्यवेक्षकों की मदद करेगी। हर जिले से 80 लोगों से राय ली जाएगी। ताकि दो हजार दावेदारों में से लोकप्रिय उम्मीदवारों का पता चल सके। बताया जाता है कि सर्वे के लिए केशवपुरम जिले में अरविंद मेनन, चांदनी चौक में लाल सिंह आर्य, नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में अनिल एंटनी, नवीन शाहदरा में समीर ओरांव, मयूर विहार में अलका गुर्जर, शाहदरा में महेंद्र पांडे और करोल बाग में अमित मालवीय आदि को पर्यवेक्षक बनाया गया है।

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