बड़ी खबरहिमाचल प्रदेश

शिमला के ग्रीन एरिया में निर्माण पर बवाल, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बोले- कंस्ट्रक्शन में बरती जाएगी सख्ती

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ग्रीन एरिया में निर्माण कार्य को इजाजत देने पर बहस छिड़ी हुई है. मानसून की बारिश में अबकी बार कुछ मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि सरकार निर्माण कार्यों को लेकर सख्ती बरतेगी, लेकिन सरकार ने बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में ग्रीन एरिया में भी कुछ शर्तों के साथ निर्माण कार्यों को इजाजत देने का फैसला किया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले पर कई लोग ने सवाल उठाते हुए इसका विरोध किया है. वहीं, सरकार इस मामले को लेकर डिफेंसिव हो गई है.

ग्रीन एरिया में निर्माण पर सीएम का बयान: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्माण कार्यों का लेकर सख्ती की बात की है. सीएम ने कहा है कि सरकार ने किसी भी ग्रीन एरिया में निर्माण कार्यों पर छूट नहीं दी है. मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है, ऐसे में शिमला के ग्रीन एरिया में निर्माण को लेकर किसी भी तरह की परमिशन देना प्रदेश सरकार के अधिकार में नहीं है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रीन एरिया बढ़ाने और इन पर निर्माण को प्रतिबंधित करने के भी संकेत दिए.

शिमला डेवलपमेंट प्लान पर पुनर्विचार: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शिमला में निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर है. लिहाजा ग्रीन एरिया में निर्माण कार्यों में छूट देने का सवाल ही पैदा नहीं होता. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर पूर्व सरकार ने शिमला डेवलपमेंट प्लान उच्च न्यायालय में पेश किया था, जिस पर वर्तमान सरकार पुनर्विचार करके और अधिक सख्ती करने जा रही है.

शिमला में ग्रीन एरिया: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिमला में 5 से 6 नए क्षेत्रों को ग्रीन एरिया घोषित करने जा रही है और इसको लेकर रिपोर्ट भी मांगी गई है. वर्तमान सरकार ग्रीन एरिया में किसी सूखे या हरे पेड़ के होने या ना होने की स्थिति में भी निर्माण पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण की दृष्टि से प्रदेश सरकार ने नालों से 5 मीटर और खड्डों से 7 मीटर की दूरी कम से कम रखने का भी फैसला किया है.

सीपीएस मामले पर बोले सीएम: इसके अलावा सीपीएस मामले में सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर चली खबरों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह मामला हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है. जहां तक सवाल सरकार के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का है तो इस तरह की कोई बात नहीं है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button