अन्य राज्यराजस्थान

राजस्थान में केंद्र के निर्देशों का उल्लंघन, संपत्ति का ब्योरा देने में नेता पीछे, कर्मचारी आगे

जयपुर.

राजस्थान में मंत्री पद पर रह चुके नेताओं को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने से क्यों परहेज है। जबकि केंद्र सरकार 2010 में यह नियम बना चुकी है कि मंत्रियों को भी अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा हर साल देना होगा। गौरतलब है कि केंद्र अथवा राज्य के मंत्री प्रतिवर्ष 31 अगस्त तक अपनी चल और अचल संपत्ति की जानकारी केंद्र सरकार के मामले में प्रधानमंत्री को और राज्य सरकार के मामले में संबंधित मुख्यमंत्री को देंगे।

लेकिन इस नियम का पालन हो रहा है या नहीं इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती। पिछली दो सरकारों से यही स्थिति बनी हुई है। वर्ष 2010 में केंद्र की यूपीए सरकार ने जब यह आचार संहिता लागू की तब राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार थी और इसने हर वर्ष अपने मंत्रियों की संपत्ति सरकारी वेबसाइट पर जारी की, लेकिन 2013 में सत्ता परिवर्तन हुआ और बीजेपी की सरकार बनी तो इसने पहले वर्ष से हो संपत्ति सार्वजनिक करना बंद कर दिया। इस बारे में तत्कालीन मंत्रियों का कहना था कि हम तो विवरण सीएम को दे रहे हैं। अब इसे सार्वजनिक करना है या नहीं यह निर्णय मुख्यमंत्री को करना है। बाद में 2018 में जब कांग्रेस की सरकार आई तो उसने भी बीजेपी को ही फॉलो किया और उसके मंत्री भी यही जवाब देते रहे और अब मंत्रियों को संपत्ति सार्वजनिक होना बंद हो गया है।

कमर्चारियों के लिए नियम सख्त तो मंत्रियों पर कार्रवाई क्यों नहीं
राजस्थान में कांग्रेस की पिछली सरकार ने वर्ष 2021 में सेवानिवों में संशोधन कर या प्रावधान लागू कर दिया था कि राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को हर वर्ष अपनी अचल संपत्ति का विवरण सरकार को देना होगा। यदि संपत्ति का विवरण निश्चित तिथि तक नही किया जाता तो कर्मचारी को वेतन वृद्धि और पदोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार के इस दोहरे रवैया को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।

वहीं मंत्रालयिक संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि सरकार का सारा जोर कर्मचारियों पर ही चलता है जबकि लोकसेवक तो मंत्री भी हैं तो जो नियम हम पर लागू है वह मंत्रियों पर क्यों नहीं होना चाहिए। वहीं एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और इलेक्शन वॉच राजस्थान के आंकड़े बताते हैं कि गहलोत सरकार के मंत्रियों की संपत्ति औसत 100% तक बढ़ी। विधानसभा चुनाव में सरकार के 30 मंत्रियों में से 27 ने फिर से चुनाव लड़ा था इनके अलावा कुछ विधायक ऐसे भी थे जो सरकार के आधे कार्यकाल में मंत्री रहे। रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर ने अपनी आय का स्रोत कृषि को बता रखा है।

कैसे बढ़ी गहलोत सरकार के मंत्रियों की संपत्ति ————

1- अशोक गहलोत 79%
2- राजेंद्र सिंह गुढ़ा 346 %
3- हरीश चौधरी 219 %
4- शकुंतला रावत 481%
5- भंवर सिंह भाटी 199 %
6- रामलाल जाट 155 %
7- महेंद्रजीत सिंह मालवीय 125 %
8- प्रमोद जैन भाया 107 %
9- अर्जुन लाल बामनिया 116%
10- साले मोहम्मद 116%
11- बृजेंद्र ओला 81%
12- प्रताप सिंह खाचरियावास  99%
13-जाहिदा खान 89%
14-बीडी कल्ला 97%
15- गोविंद डोटासरा 65%
16- ममता भूपेश 54%
17- शांति धारीवाल 53%
18- सुभाष गर्ग 53%
19- सुखराम बिश्नोई 53%
20- रघु शर्मा 44%
21- परसादी लाल मीणा 43
22- रमेश मीणा 34%
23- टीकाराम जूली 30%
24- मुरारी लाल मीणा 21%
25- सचिन पायलट 15%
26- दयलाल आंजना 14%
27- गोविंद राम मेघवाल 9%
28- अशोक चांदना 8%
29- विश्वेंद्र सिंह 4%

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button