विष्णु कैबिनेट को मिले 9 ‘रत्न’, इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ,सीएम और डेप्युटी सीएम मिलाकर 12 हुई संख्या
रायपुर
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार के मंत्रिमंडल ने शपथ ली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मंत्रिमंडल में 9 विधायक शामिल किए गए हैं। विभागों का बंटवारा बाद में किया जाएगा। विष्णु देव साय और दो डेप्युटी सीएम को गिन लिया जाए तो अब प्रदेश में 12 मंत्री हो गए हैं।
ये विधायक बने मंत्री
विष्णु देव साय के कैबिनेट में रामविचार नेताम, श्यामबिहारी जायसवाल और लक्ष्मी राजवाड़े जैसे नाम शामिल हैं। सबसे ज्यादा मंत्री सरगुजा संभाग से बनाए गए हैं। भटगांव विधानसभा सीट से विधायक लक्ष्मी राजवाड़े, मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से श्यामबिहारी जायसवाल, जबकि रामानुजगंज विधानसभा सीट से रामविचार नेताम विधायक निर्वाचित हुए हैं।
छत्तीसगढ़ में 5 नए चेहरों को मिली जगह
विष्णु देव की कैबिनेट में 5 नए चेहरों पर भरोसा जताया गया है. इनमें से तीन तो पहली बार विधायक बने हैं, जबकि दो दूसरी बार के विधायक हैं, और पहली बार मंत्री बनाए गए हैं. इनमें- ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी रजवाड़े पहली बार के विधायक हैं. वहीं, श्याम बिहारी जायसवाल और लखन लाल देवांगन दूसरी बार के विधायक हैं, जो पहली बार मंत्री बनाए गए हैं.
4 पुराने मंत्री
इस कैबिनेट विस्तार में 4 पुराने चेहरे भी शामिल हैं, जिनके नाम- बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, केदार कश्यप और दयाल दास बघेल के नाम शामिल हैं.
शुक्रवार को शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में अग्रवाल, नेताम, कश्यप और बघेल ने पिछली भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकारों में भी मंत्री के रूप में कार्य किया है. वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए चौधरी के साथ ही वर्मा और राजवाड़े पहली बार के विधायक हैं तथा जायसवाल एव देवांगन दूसरी बार के विधायक हैं.
मुख्यमंत्री साय केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं तथा उप मुख्यमंत्री साव और शर्मा पहली बार के विधायक हैं. साव बिलासपुर से लोकसभा के सांसद सदस्य रह चुके हैं.
शुक्रवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद साय सरकार में सरगुजा संभाग से चार, बिलासपुर संभाग से तीन, रायपुर और दुर्ग संभाग से दो-दो और बस्तर संभाग से एक सदस्य हो गए हैं.
आपको बताते चलें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को हराकर बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है. बीजेपी ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 सीट जीती हैं, जबकि कांग्रेस 35 सीट ही हासिल कर सकी. राज्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को एक सीट मिली है.
बृजमोहन अग्रवाल
1990 में पहली बार विधायक बने।
एबीवीपी से राजनीति की शुरूआत की।
प्रदेश की सबसे बड़ी लीड लेकर चुनाव जीते
लगातार आठवीं बार विधायक बने हैं।
रामविचार नेताम
छत्तीसगढ़ बीजेपी के सीनियर नेता हैं।
कांग्रेस के अजय तिर्की को हराकर चुनाव जीते
छह बार के विधायक रहे हैं।
2016 में राज्यसभा सदस्य भी रहे।
पूर्व सीएम रमन सिंह की सरकार में दो बार मंत्री
दयालदास बघेल
1998 में बीजेपी के टिकट पर लड़े, लेकिन हारे
अब तक कुल 6 बार दिया बीजेपी ने टिकट
2003 में मिली पहली जीत
मंत्री भी रह चुके हैं दयालदास बघेल
केदार कश्यप
चार बार के विधायक
नारायणपुर विधानसभा से हासिल की जीत
2018 में जिनसे हारे, 2023 में उन्हीं को हराया
बस्तर के सांसद रहे दिवंगत केदार कश्यप के पुत्र हैं।
पहली बार विधायक बनने के बाद ही बन गए थे मंत्री
लखनलाल देवांगन
कोरबा विधानसभा सीट से निर्वाचित
तीन बार के विधायक और मंत्री जयसिंह अग्रवाल को हराया
ओबीसी वर्ग से आते हैं
पूर्व में कोरबा निगम के महापौर और कटघोरा विधानसभा से विधायक रह चुके हैं।
श्याम बिहारी जायसवाल
मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से निर्वाचित
जनपद उपाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं
एमएससी तक पढ़े हैं।
पेशे से राइस मिलर हैं।
लक्ष्मी राजवाड़े?
भटगांव विधानसभा सीट से निर्वाचित
कांग्रेस के पारसनाथ राजवाड़े को हराया
छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री के रूप में शामिल
टंकराम वर्मा
बलौदा बाजार विधानसभा सीट से जीते
कांग्रेस प्रत्याशी शैलेश नितिन त्रिवेदी को हराया
नवगठित सरकार में मंत्री पद की ली शपथ
ओपी चौधरी
रायगढ़ विधानसभा सीट से निर्वाचित
कांग्रेस के सिटिंग एमएलए प्रकाश नायक को हराया
प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत
आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आए
2018 में खरसिया से लड़ा था पहला चुनाव