अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप सरकार में विवेक रामस्वामी और एलन मस्क साथ करेंगे काम, मिला नौकरशाही खत्म करने का जिम्मा

वाशिंगटन

अमेरिका की जनता ने डोनाल्ड ट्रंप को देश का अगला राष्ट्रपति चुना है. वह प्रंचड जीत के साथ चुनकर सत्ता में वापसी करने जा रहे हैं. अमेरिका को फिर से महान बनाने का नारा देने वाले ट्रंप की टीम भी लगभग तैयार है. ऐसे में ये कहना बिल्कुल अतिश्योक्ति नहीं होगी कि टीम में उनके सेनापति की भूमिका में अरबपति एलॉन मस्क नजर आने वाले हैं.

टेस्ला के सीईओ मस्क ने जिस तरह से अमेरिकी चुनाव में खुलकर ट्रंप का समर्थन किया. देशभर में घूम-घूमकर उनके लिए वोट मांगे और अमेरिका को गर्त से निकालने के लिए ट्रंप को चुनने पर जोर दिया. अब उन्हीं मस्क की अगले साल से ट्रंप की कैबिनेट के कई बड़े फैसलों में बड़ी होने वाली है. लेकिन सवाल यही है कि मस्क पर ट्रंप को इतना यकीन क्यों हैं और वह उनके लिए जरूरी क्यों बन गए हैं?

ट्रंप ने मस्क को क्यों चुना?

राजनीति में एंट्री से पहले डोनाल्ड ट्रंप हार्डकोर बिजनेसमैन रहे हैं. अमेरिका सहित दुनियाभर में उनका बिजनेस फैला हुआ है. वह जब पहली बार 2016 में राष्ट्रपति बने थे तो लगभग सभी ने कहा था कि एक कारोबारी अमेरिका का राष्ट्रपति बन गया है.

ऐसे में ट्रंप को अरबपति कारोबारी एलन मस्क से बहुत उम्मीदें हैं. वह एलॉन से बहुत प्रभावित भी हैं और उन्हें लगता है कि कारोबारी पॉलिटिक्स में अच्छा काम कर सकते हैं. ऐसे में मस्क और ट्रंप के बीच का ये कारोबारी कनेक्शन उनके बॉन्ड को मजबूत करता है.

ट्रंप अमेरिकी राजनीति में बदलाव चाहते हैं. यही सोचकर उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी (DOGE) की कमान एलॉन मस्क को सौंपी है. यह विभाग ब्यूरोक्रेसी को क्लीन करने का काम करेगा.

ट्रंप ने इस डिपार्टमेंट को इस समय का द मैनहट्टन प्रोजेक्ट बताते हुए कहा कि इससे चार जुलाई 2026 तक पूरी संघीय ब्यूरोक्रेसी में व्यापक बदलाव आएंगे. उन्होंने कहा कि इस सरकार में धरातल पर काम अधिक होगा और नौकरशाही कम होगी. यह देश की आजादी की 250वीं वर्षगांठ पर अमेरिका के लिए बेशकीमती तोहफा होगा. मुझे यकीन हैं कि एलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी इसमें पूरी तरह से कामयाब होंगे.

कैसे मस्क ने ट्विटर को घाटे से फायदे का सौदा बनाया?

ने जब 2022 में 44 अरब डॉलर में ट्विटर खरीदा था तो सभी ने इसे घाटे का सौदा बताया था. लेकिन मस्क ने बहुत जल्द इसे फायदे के सौदे में तब्दील कर दिया. इसके पीछे कारण था ट्विटर का सीईओ बनने के बाद उनके द्वारा लिए गए बड़े फैसले.

मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद ही कंपनी के चार बड़े अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिसमें सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल थे. बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की भी छंटनी की गई. मस्क ने कई ब्लॉक अकाउंट अनब्लॉक किए जिनमें ट्रंप का ट्विटर अकाउंट भी शामिल था.

इसके साथ ही उन्होंने ब्लू सब्सक्रिप्शन सर्विस भी शुरू की. शुरुआत में कहा जा रहा था कि इस पेड सब्सक्रिप्शन का फॉर्मूला औंधे मुंह गिरेगा. कोई भी यूजर पैसे देकर ब्लूटिक नहीं खरीदेगा. लेकिन पेड़ सब्सक्रिप्शन होने के बावजूद लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया. इस तरह मस्क की इस अलकमिस्ट छवि से ट्रंप बहुत प्रभावित हैं.

मस्क जो छू लेते हैं उसे सोना बना देते हैं!

एलॉन मस्क के बारे में अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में एक कहावत मशहूर है कि वह जो भी छू लेते हैं, वह सोना बन जाती है. ट्विटर यानी X की सफलता इसका बड़ा उदाहरण तो है ही. साथ ही

इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला और रॉकेट कंपनी स्पेस एक्स जैसी कंपनियों की सफलता भी इसका उदाहरण हैं. इन्हीं कामयाब बिजनेस के दम पर उनकी नेटवर्थ में भारी उछाल आई है. मस्क की नेटवर्थ 314 अरब डॉलर तक पहुंच गई है. इसी चमत्कार की शायद ट्रंप भी उम्मीद कर रहे हैं.

मस्क की AI कंपनी की सफलता ने रचा इतिहास

Nvidia के सीईओ जेनसेन हुआंग ने हाल ही में एलॉन मस्क की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मस्क एक बेहतरीन लीडर हैं. उन्होंने कहा कि मस्क और उनकी एआई कंपनी xAI ने बेहतरीन काम किया है. जहां तक मुझे पता है, इस दुनिया में सिर्फ एक शख्स है, जो यह कर सकता है. इंजीनियरिंग की समझ से लेकर और बड़े-बड़े सिस्टम के कंस्ट्रक्शन तक एलॉन को हर चीज में विशेषज्ञता हासिल है.

उन्होंने कहा कि 100,000 Nvidia जीपीयू के कलस्टर से बना सुपरकंप्यूटर Colossus को मस्क ने बेहद कम समय में तैयार कर दिया. यह पूरा प्रोजेक्ट 122 दिनों में पूरा हुआ. इससे साफ पता चलता है कि मस्क से ट्रंप ही नहीं बल्कि अमेरिका को पूरी उम्मीदें हैं और वह ट्रंप के अमेरिका फर्स्ट के एजेंडे में बिल्कुल फिट बैठते हैं.

 

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