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टी20 विश्व कप में जैसे अफगानिस्तान की कप्तानी की थी, वैसे ही कप्तानी करना चाहता था : राशिद खान

गक्बेरहा
एसए 20 के तीसरे सत्र में एमआई केपटाउन के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद आत्मविश्वास से ओतप्रोत कप्तान राशिद खान ने कहा कि वह उसी तरह से कप्तानी करना चाहते थे जैसी पिछले साल टी20 विश्व कप में अफगानिस्तान की थी।

पिछले दो सत्र में खराब प्रदर्शन और प्लेआफ में जगह नहीं बना पाने के बाद एमआई केपटाउन एसए20 के तीसरे सत्र में नौ मैचों में छह जीत दर्ज करके तीस अंक के साथ शीर्ष पर है। राशिद की कप्तानी में पिछले साल टी20 विश्व कप में अफगानिस्तान की टीम ने सभी को चौंकाते हुए सुपर आठ चरण में आस्ट्रेलिया को हराया और फिर अंतिम चार में पहुंची थी।

राशिद ने पार्ल रॉयल्स के खिलाफ पहले क्वालीफायर की पूर्व संध्या पर मीडिया से कहा, ‘‘मैं एमआई केपटाउन की कप्तानी उसी तरह से करना चाहता था जैसे विश्व कप में अफगानिस्तान के लिये की थी। कोच रॉबी पीटरसन ने भी मुझसे यही कहा। इस साल मैं खिलाड़ियों को बेहतर समझता था और उनके साथ काफी समय बिताया था जिससे मुझे पता था कि किस गेंदबाज का इस्तेमाल कब करना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे अहम बात खिलाड़ियों से स्पष्ट संवाद रखना था। उन्हें पता होना चाहिये कि कप्तान के दिमाग में क्या चल रहा है और मुझे पता होना चाहिये कि वे क्या सोच रहे हैं। पहले साल में इससे बेहतर कर सकता था लेकिन हम सब लगातार सीखते हैं।’’

इस अनुभवी लेग स्पिनर ने कहा कि इस बार हर खिलाड़ी जिम्मेदारी लेकर खेला है जिससे उनका काम आसान हो गया। उन्होंने कहा,‘‘पिछले दो साल हमने अच्छी क्रिकेट खेली लेकिन फिनिशिंग नहीं कर सके। इस बार हमने टीम प्रयास से अच्छा किया और जिसे भी मौका मिला, उसने योगदान दिया है। चाहे वह बल्लेबाज हो, गेंदबाज या फील्डर। सबसे अहम बात है कि हम खेल का मजा ले रहे हैं और नतीजों की परवाह नहीं कर रहे।’’ उन्होंने कहा कि टीम में नेतृत्व दल होने से उन्हें काफी मदद मिल रही है।

राशिद ने कहा, ‘‘टीम में एक अच्छा नेतृत्व दल होना जरूरी है। खासकर मेरे जैसे विदेशी खिलाड़ी के लिये यहां आकर कप्तानी करना आसान नहीं था लेकिन बाकी सीनियर खिलाड़ियों ने मेरी काफी मदद की। सभी ने मिलकर जिम्मेदारी ली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये मुझे यह नहीं सोचना पड़ता कि मैं अकेले फैसले ले रहा हूं। मैं दूसरों की भी सुनता हूं जो काफी अनुभवी हैं। ये खिलाड़ी इन हालात में काफी खेल चुके हैं और यहीं बड़े हुए हैं। उन्हें हालात की अच्छी समझ है और मुझे उनसे काफी मदद मिलती है।’’

 

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