अन्य राज्यराजस्थान

राजस्थान में कांग्रेस की हार के क्या हैं मुख्य कारण? 5 पॉइंट में समझिए

जयपुर

राजस्थान चुनाव के लिए मतगणना चल रही है. शुरुआती रुझानों में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती नजर आ रही है. बीजेपी 98 सीटों पर आगे चल रही है. ताजा रुझानों के मुताबिक सत्ताधारी कांग्रेस 84 सीटों पर आगे है. बीजेपी ने शुरुआती रुझानों में कांग्रेस पर 17 सीटों पर बढ़त बना ली है. ताजा रुझान सूबे की सत्ता से कांग्रेस की विदाई के संकेत दे रहे हैं. इस जनादेश की वजह क्या है? कांग्रेस हार रही है तो इसके पांच कारण क्या हैं?

1- गुटबाजी

कांग्रेस चुनाव के कुछ महीने पहले तक गुटबाजी से जूझती नजर आई. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की खींचतान का भी कार्यकर्ताओं पर असर पड़ा, जनता के बीच गलत संदेश गया. हालांकि, चुनाव से ठीक पहले दोनों ही नेता हम साथ-साथ हैं का संदेश देते नजर आए लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

कांग्रेस जहां गुटबाजी से जूझती रही, वहीं बीजेपी ने अंतर्कलह को कहीं बेहतर तरीके से हैंडल किया. सीएम फेस का ऐलान दोनों ही दलों ने नहीं किया, लेकिन कांग्रेस की ओर से सीएम अशोक गहलोत ही अघोषित सीएम फेस थे. वहीं, बीजेपी ने गुटबाजी से पार पाने के लिए वसुंधरा राजे को न सिर्फ सीएम फेस घोषित करने से परहेज किया बल्कि बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया. नतीजा ये हुआ कि नेताओं ने अपनी साख बचाने के लिए उस सीट पर जोर लगाया और इसका सकारात्मक असर आसपास की सीटों पर भी पड़ा.

2- चुनाव का मोदी बनाम गहलोत हो जाना

राजस्थान का चुनाव मोदी बनाम गहलोत हो जाना भी कांग्रेस को भारी पड़ा. पीएम मोदी के चेहरे ने कांग्रेस के जातिगत जनगणना के दांव की धार भी कुंद कर दी. पीएम मोदी ने राजस्थान में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कीं वहीं कांग्रेस की ओर से प्रचार का भार सीएम गहलोत के कंधों पर अधिक नजर आया. चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी मैदान में उतरे तो लेकिन वह भी महज खानापूर्ति ही लगा. चुनाव पूरी तरह से मोदी बनाम गहलोत हो गया और इसका लाभ भी बीजेपी को मिला.

3- भारी पड़ा कन्हैयालाल हत्याकांड  

राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का मुद्दा खूब उठाया. बीजेपी की ये रणनीति भी असर लाती नजर आ रही है. उदयपुर, मारवाड़ रीजन में आता है. राजस्थान की राजनीति में कहा जाता है कि जो मेवाड़ जीता, वह राजस्थान जीता. बीजेपी को जीत मिलती नजर आ रही है तो उसके पीछे कन्हैयालाल हत्याकांड के साथ ही कानून-व्यवस्था के मुद्दे का भी अहम रोल माना जा रहा है.

4- लुभावनी योजनाओं पर भारी पेपर लीक

अशोक गहलोत की सरकार ने चुनावी साल में एक के बाद एक चुनावी दांव चले. चिरंजीवी योजना के तहत हेल्थ इंश्योरेंस की लिमिट बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का वादा किया. सस्ते गैस सिलेंडर समेत कई लुभावनी योजनाओं पर पेपर लीक, लाल डायरी और भ्रष्टाचार के आरोप भारी पड़े.

5- बागियों ने किया डेंट

कांग्रेस की हार के पीछे बागी भी बड़ी वजह माने जा रहे हैं. कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद कई नेताओं ने पार्टी से बगावत कर बतौर निर्दल उम्मीदवार ताल ठोक दी. कुछ बीजेपी और दूसरे दलों के टिकट पर भी मैदान में उतर गए. इन बागियों ने भी कांग्रेस को डेंट किया है. इसके ठीक उलट बीजेपी ने एक-एक बागी को मनाने के लिए बड़े नेताओं को जिम्मेदारी दी और उनको मनाने की पूरी कोशिश की. कई बागी मान भी गए और बीजेपी को इसका लाभ मिलता नजर आ रहा है.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button