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जिसका PM मोदी ने किया उद्घाटन, क्या है 7 मंजिला स्वर्वेद मंदिर, किस संत से है इसका नाता

वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हैं। सोमवार को उन्होंने सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन भी किया। ऐतिहासिक रूप से भी यह मंदिर खास होने वाला है, क्योंकि इसका नाता सीधे सद्गुरु सदाफल देवजी महाराज से भी जुड़ता है। इसके अलावा पीएम मोदी 19 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के विकास कार्यों का भी ऐलान करने वाले हैं।

भव्य है मंदिर
सात मंजिलों वाला यह भव्य मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी से 12 किमी दूर उमराहा में स्थित है। यह 125 पंखुड़ियों वाले कमल के गुंबद से सजा हुआ है। यहां 20 हजार लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है। मंदिर 3 लाख स्क्वॉयर फीट से ज्यादा क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां मकराना मार्बल पर स्वर्वेद के 3137 छंद भी उकेरे हुए हैं। महामंदिर की आधारशिला सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत परिवार विज्ञान देव ने साल 2004 में रखी थी। तब से ही इसका निर्माण जारी है। खास बात है कि निर्माण में 15 इंजीनियरों के साथ-साथ 600 कर्मी भी लगे थे। मंदिर में 101 फव्वारे हैं। मंदिर की दीवारों पर गुलाबी पत्थर लगा हुआ है और आसपास बड़ा बगीचा है, जहां जड़ी बूटियां लगा हुई हैं।

कौन थे सदाफल देवजी महाराज
दरअसल, स्वर्वेद के लेखक सदाफल देवजी महाराज ही हैं। उन्होंने विहंगम योग की स्थापना की थी। महाराज का जन्म 19वीं सदी में हुआ था। वह आध्यात्मिक गुरु और विद्वान थे। मंदिर से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं कि महामंदिर में सद्गुरु सदाफल देवजी की मूर्ति भी है। मंदिर वेबसाइट के अनुसार, महामंदिर दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान का केंद्र या मेडिटेशन सेंटर बनेगा, जहां एकबार में 20 हजार लोग एक साथ बैठ सकेंगे। वाराणसी दौरे पर आए पीएम मोदी विहंगम योग के शताब्दी समारोह में भी शामिल होने वाले हैं। खास बात है कि वह दूसरी बार मंदिर का दौरा कर रहे हैं।

 

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