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सर्दी इस बार की गर्मी का कराएगी एहसास! जानिए मौसम वैज्ञानिक ऐसा क्यों कह रहे हैं?

नई दिल्ली

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ महीनों में सर्दियां कम पड़ेंगी. यानी न्यूनतम तापमान औसत से ज्यादा रहेगा. IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि इस बार ठंड कम पड़ेगी. यानी इस साल दिसंबर से लेकर अगले साल फरवरी तक देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है.

इस साल के अगस्त, सितंबर और नवंबर महीने 1901 के बाद से अब तक के सबसे गर्म रहे हैं. इस साल दिसंबर से अगले साल फरवरी के बीच, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है. बाकी देश में सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है. इन्हीं तीन महीनों में देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भागों में शीतलहर सामान्य से कम होने की संभावना है. 

बारिश भी पूरे देश में अलग-अलग तरह से होगी

तमिलनाडु, पुडुचेरी, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और माहे, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, यानी, भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप में दिसंबर में सामान्य बारिश हो सकती है. उत्तर-पश्चिम के अधिकांश हिस्सों, मध्य और पूर्वी भारत के निकटवर्ती क्षेत्रों और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है. पूर्वोत्तर के कई हिस्सों, उत्तरी प्रायद्वीप और देश के मध्य हिस्से के आसपास सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है.  

दिसंबर में तापमान अधिक रहेगा, आगे भी यही अनुमान

इस साल दिसंबर में देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा. जबकि, अधिकतम तापमान मध्य भारत और उत्तर भारत में सामान्य रहने की संभावना है, जबकि, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से ऊपर रहेगा. दिसंबर में पूरे देश में मासिक बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है. 

 

अल-नीनो और समुद्री सतह के तापमान ने बढ़ाई गर्मी 

प्रशांत महासागर में भूमध्यरेखा के आसपास इस समय मजबूत अल-नीनो है. इसकी वजह से पूरी दुनिया के मौसम में बदलाव आ रहा है. इसकी वजह से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर के अधिकांस हिस्सों में समुद्री सतह का तापमान यानी सरफेस टेंपरेचर औसत से ऊपर चल रहा है. पूरी संभावना है कि सर्दियों में इस बार अल-नीनो का असर देखने को मिलेगा. यानी तापमान बढ़ा रहेगा. प्रशांत महासागर पर अल-नीनो के अलावा हिंद महासागर और अरब सागर के समुद्री सतह का तापमान भी भारत के मौसम और जलवायु पर असर डालते हैं.  

WMO ने भी जारी की है चेतावनी, बताया क्यों बढ़ी गर्मी

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने दुबई में चल रहे COP28 Climate Summit में डराने वाली रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल रहा है. इसकी वजह से दुनिया भर में अलग-अलग स्थानों पर प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं. समुद्री जलस्तर और उसका तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसा हुआ क्यों? 

 

अंटार्कटिका की समुद्री बर्फ तेजी से पिघल रही है. इन बदलावों की वजह से अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह की आपदाएं आ रही हैं. मौसम तेजी से बदल रहा है. WMO ने स्पष्ट किया है कि 2023 ऑन रिकॉर्ड सबसे गर्म रहा है. यह पिछले 170 सालों में 1.40 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा. इससे पहले 2020 और 2016 को सबसे गर्म कहा गया था. 

इसकी वजह El Nino है. यह साल 2023 में उत्तरी गोलार्ध में तेजी से उभरा और गर्मियों तक फैल गया. यह अगले साल भी यानी 2024 में भी गर्मी बढ़ाएगा. इसकी वजह से पूरी धरती के तापमान में इजाफा हो रहा है. WMO के महासचिव प्रो. पेटेरी टालस ने कहा कि इस समय ग्रीनहाउस गैसों और वैश्विक तापमान की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ी हुई है.

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