आइजोल। हाल में मणिपुर में भीड़ द्वारा दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें घुमाए जाने का वीडियa सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित होने के बाद हुए विरोध प्रदर्शन और निशाना बनाए जाने के डर से मेइती समुदाय के 600 से ज्यादा लोग मिजोरम छोड़कर चले गए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अपराध जांच विभाग के पुलिस अधीक्षक (विशेष जांच) वनलालफाका राल्ते ने यहां को बताया कि इस वीडियो के सामने आने के बाद एक पूर्व उग्रवादी संगठन ने परामर्श जारी किया है, ऐसे में मेइती लोग हमले का शिकार बनाए जाने के भय से मिजोरम से चले गये। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि नागरिक संस्थाओं द्वारा मंगलवार को एकजुटता मार्च निकाले जाने के कारण भी मेइती लोगों में “असुरक्षा” की भावना है। राल्ते के मुताबिक मंगलवार तक 600 से अधिक मेइती अपने गृह राज्य जा चुके हैं।
उनका कहना है कि बुधवार से मेइती लोगों के जाने की कोई खबर नहीं है। मेइती संगठन के एक नेता ने हालांकि दावा किया कि बृहस्पतिवार तक मेइती लोगों का मिजोरम से जाना जारी था। ‘ऑल मिजोरम मणिपुरी एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष रामबीर ने कहा कि राज्य की प्रमुख नागरिक संस्थाओं के समूह द्वारा हाल ही में की गई विरोध रैली के कारण मेइती लोगों का मिजोरम छोड़ना जारी है क्योंकि वे “असुरक्षित” महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि मिजोरम में 3000 से अधिक मेइती रहते हैं जिनमें अधिकतर अध्यापक, विद्यार्थी एवं श्रमिक हैं। सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन समेत पांच बड़ी नागरिक संस्थाओं के गठबंधन, एनजीओ कोर्डिनेशन कमिटी ने मणिपुर के कुकी-जो जातीय समुदाय के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में विरोध रैली निकाली थीं। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा, उपमुख्यमंत्री तानलुइया, मंत्रियों और विभिन्न दलों के विधायकों ने आइजोल में एक ऐसी ही रैली में हिस्सा लिया था। पुलिस ने कहा कि एकजुटता मार्च के बाद से किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।