वर्कर व हेल्परों ने आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर सचिवालय में किया प्रदर्शन
टीम एक्शन इंडिया/कैथल
प्रदेश सरकार की कर्मचारी व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जिला कैथल की आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्परों ने अपने आंगनबाड़ी केंद्र बंद करके आंगनबाड़ी वर्कर एंड हैल्पर यूनियन की जिला प्रधान कमला दयोरा के नेतृत्व में जिला सचिवालय में धरना प्रदर्शन किया और मांगों बारे ज्ञापन जिला उपायुक्त कैथल एवं एसडीएम को सौंपा गया। जिला प्रधान कमला दयौरा ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्पर पिछले 47 साल से नन्हें बच्चों व माताओं की सेवा कर रही हैं और नन्हें बच्चों को प्री-स्कूली शिक्षा भी प्रदान करने का कार्य पूरी निष्ठा से मामूली मानदेय पर कर रही हैं। आंगनवाड़ी वर्कर और हैल्पर्स पर सिर्फ और सिर्फ काम का ही दबाव है। विभाग व अधिकारी जिम्मेदारियों को हमारे ऊपर लादते जा रहे हैं और हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसलिए आज हमें मजबूर होकर संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने बताया कि मीनू के अनुसार समय पर राशन नहीं आता है। खाना बनाने के लिए ईंधन के लिए गैस सिलेंडर नहीं है। बताएं कि बिना ईंधन के खाना कैसे पकेगा। पिछले 4 साल से वर्दी भत्ता नहीं दिया गया है। हमें बहुत परेशान किया जा रहा है, लेकिन समस्या निवारण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
मानदेय भी समय पर नहीं दिया जाता है। बहुत सारे आंगनवाड़ी केंद्र जो किराए पर चल रहे हैं उनका किराया भी नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य वक्ताओं जिला उप्रधान सुनीता भुक्कल, सुनिता धीमान नीलम, जोशीला रानी, निशा, अंग्रेजो आदि ने भी कहा कि भाजपा सरकार आंगनबाड़ी सेंटर बंद करना चाहती है इसलिए तरह-तरह की चाल चल रही है। सरकार ही बताए कि यह कैसे संभव है कि एक ही आयु के बच्चे और एक ही समय में आंगनबाड़ी सेंटर में भी जाएं और बाल वाटिका में भी। शकुंतला, सुदेश, मंजीत कौर, राजबाला, मीना व राजरानी ने कहा कि मौजूदा मोदी व खट्टर सरकार की अपनी जनविरोधी सोच के चलते बाल वाटिका की आड़ में आंगनबाड़ी सेंटर्स को बंद करके गरीब मां-बच्चों को पोषण की व्यवस्था से मरहूम करना चाहती है।