राज्यपाल के नेतृत्व में मनाया गया योग दिवस
टीम एक्शन इंडिया
चंडीगढ़: प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार, योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के सबसे भरोसेमंद साधनों में से एक के रूप में उभरा है। योग शब्द संस्कृत मूल युज से लिया गया है जिसका अर्थ है जोड़ना या एकजुट होना, जो मन और शरीर की एकता का प्रतीक है, विचार और क्रिया, संयम और पूर्ति, मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2014 में किए आह्वान और अथक प्रयासों के कारण, 21 जून को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया। तब से ही हर वर्ष भारत समेत पुरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। उसी कड़ी में हरियाणा राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर राज्यपाल के साथ हरियाणा राजभवन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने योग क्रियाएं कर इस दिवस को यादगार बनाया।
योग दिवस के अवस पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि योग और अध्यात्म का महत्व हमारे ग्रंथों में बताया गया है। जैसे इस शलोक के माध्यम से योग के महत्व को बताया गया है। धैर्यं यस्य पिता क्षमा च जननी शान्तिश्चिरं गेहिनी सत्यं सूनुरयं दया च भगिनी भ्राता मन: संयम:।
शय्या भूमितलं दिशोपि वसनं ज्ञानामृतं भोजनं एते यस्य कुटिम्बिन: वद सखे कस्माद् भयं योगिन:।।इस श्लोक का अर्थ है, नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से व्यक्ति कुछ बहुत अच्छे गुणों को अपना सकता है, जैसे साहस जो पिता की तरह रक्षा करता है, क्षमा जो एक मां के पास होती है और मानसिक शांति जो एक स्थायी दोस्त बन जाती है।
योग के नियमित अभ्यास से सत्य हमारा बच्चा, दया हमारी बहन, आत्म-नियंत्रण हमारे भाई, पृथ्वी हमारा बिस्तर बन जाती है और ज्ञान हमारी भूख को शांत करता है।
उन्होंने बताया कि योग को धार्मिक रंग नही देना चाहिए। योग धर्म, जाति से ऊपर है। यह हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा है, यह जीवन में बहुत ही महत्व वाली चीज है। स्कूलों, कालेजों में भी नियमित योग का अभ्यास करवाना चाहिए। योग मन और शरीर दोनों को स्वस्थ रखता है। समाज के प्रत्येक वर्ग को इसे अपनाना चाहिए। आज पुरा विश्व योग को अपना चुका है।