योग परमात्मा से जुड़ने और अपने आपको पहचानने की प्रक्रिया: विग
टीम एक्शन इंडिया
राजकुमार प्रिंस
करनाल। शिक्षा विभाग की डीपीसी उर्वशी विग ने कहा कि योग का अर्थ है जुडना। यानी दो तत्वों का मिलन योग कहलाता है। योग की पूर्णता इसी में है कि जीव भाव में पड़ा मनुष्य परमात्मा से जुडकर अपने निजी आत्म स्वरूप में स्थापित हो जाए। योग करना मतलब एकजुट करना या एकत्रित करना।
वह शुक्रवार को सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय के प्रांगण में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को लेकर आयोजित तीन दिवसीय योग प्रोटोकॉल प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन अधिकारियों, कर्मचारियों, योग साधकों व आमजन को संबोधित कर रहे थे।
डीपीसी ने कहा कि योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से हम मन, श्वास और शरीर के विभिन्न अंगों में सामंजस्य बनाना सीखते हंै। यदि आपको लगता है कि योग का मतलब है अपने शरीर को अंतरंग तरीके से मोड?ा, तो फिर समय आ गया है कि आप अपनी सोच पर एक बार गहनता से पूर्ण विचार करें। योग सिर्फ आसनों तक सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं अधिक है।
सीधे- सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह अपने मन, शरीर और श्वास की देखभाल करना है। योग सबसे पहले बाहरी शरीर को लाभ पहुँचाता है, जो ज्यादातर लोगों के लिए एक व्यावहारिक और परिचित शुरूआत जगह है। तनाव से मुक्त जीवन, मानसिक शक्ति का विकास, प्रकृति के विपरीत जीवन शैली में सुधार करना, निरोग-काया, रचनात्मकता का विकास, मानसिक शांति प्राप्त करना, सहनशीलता में वृद्धि, नशा मुक्त जीवन, वृहद सोच, उत्तम शारीरिक क्षमता का विकास योग से ही संभव हो सकता है।