हरियाणा

योग क्रियाओं का प्रदर्शन नहीं, अंतर्मन के दर्शन की साधना भी

टीम एक्शन इंडिया
राजकुमार प्रिंस
करनाल। जिला आयुष अधिकारी (डीएओ) डॉ. सतपाल ने कहा है कि योग केवल योग क्रियाओं का प्रदर्शन मात्र नहीं है, बल्कि अंतर्मन के दर्शन की एकमात्र साधना भी है। योग का पूरा लाभ लेने के लिए चार बातों पर ध्यान देना होगा-विधि, अवधि, निरंतरता व एकाग्रता। साथ ही योग के प्रति विश्वास भी जरूरी है।

डा. सतपाल आज यहां सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय के प्रांगण में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को लेकर आयोजित तीन दिवसीय योग प्रोटोकॉल प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन अधिकारियों, कर्मचारियों व योग साधकों को संबोधित कर रहे थे। आयुष अधिकारी ने कहा कि दैनिक जीवन की चुनौतियों से पार पाने के लिए शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है। इसके लिए योग से जुड?ा जरूरी है।

योग आध्यात्मिक अनुशासन एवं अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित ज्ञान है जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य स्थापित करता है। योगाभ्यास में योग मुद्रा व एक्युप्रैशर विज्ञान का भी महत्त्व है। जोड़ों में दर्द, घुटने दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द व थॉयराईड जैसे रोगों से मुक्ति पाने में एक्यप्रैशर विज्ञान बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि योग करने वालों को गम्भीर बीमारी नहीं होती और उनमें आत्मविश्वास तथा बल की वृद्धि बनी रहती है।

जिला की 37 व्यायामशालाओं और 22 वैलनेस सैंटर पर प्रात: व सायंकालीन सत्रों में लोगों को योगाभ्यास करवाया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह को राष्ट्र पर्व के रूप में मनाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम से जुड़ें। आयुष विभाग से डॉ. अमित पुंज ने इस मौके पर आसन व क्रियाओं का अभ्यास करवाया। मंच पर उनके साथ मेरा मिशन स्वस्थ भारत के संस्थापक दिनेश गुलाटी, पतंजलि योग समिति से योग साधक सचिन, सरस्वती और इनफ उपस्थित रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button