योग प्राचीन पद्धति ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला : दिनेश गुलाटी
टीम एक्शन इंडिया
राजकुमार प्रिंस
करनाल। जिला प्रशासन, मेरा मिशन स्वस्थ भारत और पतंजलि योग समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय योग प्रोटोकॉल प्रशिक्षण शिविर का शनिवार को समापन हो गया। सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय के प्रांगण में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में योगाचार्यों ने अधिकारियों, कर्मचारियों, योग साधकों व आमजन को योग, प्राणायाम व ध्यान से संबंधित क्रियाएं करवाई और शरीर पर अनुकूल पड?े वाले इनके प्रभावों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।
योग शिविर में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए मेरा मिशन स्वस्थ भारत के संस्थापक दिनेश गुलाटीे ने योग का महत्व बताते हुए कहा कि योग प्राचीन पद्धति ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। योग करने से शरीर के साथ-साथ मानसिक बल मिलता है और विचारों में दृढ़ता आती है।
विज्ञान ने इस बात को सिद्ध कर दिखाया है कि योग करने से हमारी श्वसन क्रिया स्मूथ यानि सहज हो जाती है और शुद्ध वायु के रक्त में प्रवेश से फेफड़े स्वस्थ होते हैं। उन्होंने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में मनुष्य की व्यस्तता बढ़ गई है, छोटे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ रहता है।
दूसरी ओर कोरोना काल में मनुष्य चिंता और अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याओं से घिर गया था, इससे मानव शरीर पर विपरीत प्रभाव रहे, जो स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी। ऐसे में योग से स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए काफी बल मिला। दिनेश गुलाटी ने भी योग को जीवन के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि योग हमें दैनिक जीवन के कार्य करने में सक्षम बनाता है।