कारोबार

स्विगी के आईपीओ में 8 नवंबर तक लगाए जा सकेंगे पैसे

मुंबई

ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी का आईपीओ आज 6 नवंबर से खुल जाएगा. रिटेल निवेशक बुधवार से बोली लगा सकते हैं, जोकि 8 नवंबर को बंद हो जाएगा. कंपनी आईपीओ के जरिए करीब 11,327 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. पब्लिक इश्यू के लिए प्राइस बैंड 371-390 रुपए फिक्स किया गया है. इस लिहाज से निवेशकों को हर लॉट में 38 शेयर मिलेंगे. हालांकि ग्रे मार्केट में भाव लगातार गिरता जा रहा है.

6 नवंबर को खुलेगा आईपीओ

स्विगी आईपीओ (Swiggy IPO) आज 6 नवंबर से खुलेगा. रिटेल निवेशक पब्लिक इश्यू में 8 नवंबर तक बोली लगा सकते हैं. बताते चलें कि कंपनी ने मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास 26 सितंबर को आईपीओ के लिए अप्लाई किए थे.

आईपीओ में 500 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं, ऑफर फॉर सेल यानी OFS में प्रोमोटर्स और मौजूदा निवेशक हिस्सा बिक्री करेंगी. इसके तहत 18.52 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री होगी. ओएफएस के जरिए करीब 6,666 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है.

स्विगी पब्लिक इश्यू के लिए बुकरनिंग लीड मैनेजर्स के तौर पर कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एवेंडस कैपिटल, जेपी मॉर्गन इंडिया, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज नियुक्त किया गया है. वहीं, रजिस्ट्रार के तौर पर लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है.

ग्रे मार्केट में स्विगी आईपीओ

स्विगी के आईपीओ का जलवा ग्रे मार्केट में कम होता जा रहा है. आईपीओ खुलने से पहले प्रीमियम में गिरावट दर्ज की जा रही है. यह मंगलवार को 20 रुपए गिर गया. इस लिहाज ग्रे मार्केट प्रीमियम अब 410 रुपए पर आ गया है, जोकि इश्यू प्राइस 390 रुपए से 5.13 फीसदी ज्यादा है

जोमैटो vs स्विगी का कारोबार

ज़ोमैटो ने हाल ही में प्रॉफिटेबिलिटी का ऐलान किया, जिसका वैल्युएशन 30 बिलियन डॉलर के करीब है. इसे ब्लिंकिट और इसके B2B सेगमेंट, हाइपरप्योर के माध्यम से इंस्टेंट कॉमर्स में सफल प्रयासों से बल मिला है. दूसरी ओर, स्विगी के वित्तीय प्रदर्शन ने ग्रोथ और चुनौतियों का मिश्रण दिखाया है.

वित्त वर्ष 24 में स्विगी ने 36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,247 करोड़ रुपए का राजस्व दर्ज किया, जबकि घाटे में 44 प्रतिशत की कटौती की. हालांकि, वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में बढ़ते खर्चों की वजह से स्विगी के घाटे में 8 फीसदी का अजाफा होगा, जो 611 करोड़ रुपए थी. इसके उलट उसी दौरान जोमैटो की आय 253 करोड़ रुपए के फायदे के साथ 4,206 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है.

भारत में तेजी बढ़ रहा फूड डिलीवरी मार्केट

भारतीय फूड डिवीवरी मार्केट को लेकर आगे अच्छा आउटलुक है. एक अनुमान के मुताबिक साल 2030 तक यह 2 लाख करोड़ रुपए के पार निकल जाएगा. देश के फूड डिलीवरी मार्केट में 90% से ज्यादा की हिस्सेदारी स्विगी और जोमैटो के पास है. जोमैटो को मार्केट में साल 2021 में ही लिस्ट हो चुका है. अब स्विगी की बारी है. मीडिया सोर्सेज के मुताबिक स्विगी पर कुछ बैंकरों ने भरोसा जताया है, जोकि 10 से 13 अरब डॉलर की वैल्युएशंस के साथ लिस्ट हो सकती है.

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