डाक विभाग में काम कर रहे थे हरियाणा के 4 लोग, 10वीं-12वीं की मार्कशीट फर्जी, मामला दर्ज
ठियोग: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता का रहा है. पढ़े लिखे युवाओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है, जबकि सरकारी संस्थाओं या गैर सरकारी संस्थाओं में नौकरी के अवसर कम मिल रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी विभागों में फर्जी नौकरियों और पेपर लीक जैसी घटनाओं से युवाओं का भरोसा सरकारी तंत्र से उठता हुआ नजर आ रहा है.
ऐसा ही एक बड़ा मामला डाक विभाग में भी निकलकर सामने आया है जहां डाक विभाग में चार ग्रामीण डाक सेवकों ने फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाई, लेकिन अब जांच में उनका भंडाफोड़ हुआ है. शिमला जिले के ठियोग पुलिस थाना में इसे लेकर FIR दर्ज की गई है और ये चारों आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं जिनकी भर्ती साल 2021 में हुई है.
कैसे हुआ मामले का खुलासा: ये मामला तब उजागर हुआ जब विभाग ने इसकी जांच की. ठियोग में डाक विभाग के इंस्पेक्टर ने अपने स्तर पर इसकी प्रारंभिक जांच की जिसमें पता चला है कि इनके 10वीं व 12वीं कक्षा के डॉक्यूमेंट फर्जी हैं. DSP ठियोग सिद्धार्थ शर्मा का कहना है कि डाक विभाग की शिकायत के आधार पर चार ग्रामीण डाक सेवकों पर फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने का आरोप लगा है जिन पर मामला दर्ज किया गया है.
देश भर में डाक विभाग की भर्ती 10वीं व 12वीं कक्षा के अंकों की मेरिट के आधार पर होती है. जिसमें नौकरी पाने के लिए हरियाणा के 4 लोगों ने फर्जी डॉक्यूमेंट का सहारा लिया. फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने वाले चार ग्रामीण डाक सेवक का नाम और पता जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है.
आरोपियों की पहचान: 1. सुशील पुत्र राधे श्याम गांव व डाकघर ठानी लगजी, ऐलनाबाद, जिला सिरसा हरियाणा, 2. साहिल पुत्र मुकेश कुमार गांव व डाकघर मिर्च, चरखी दादरी, हरियाणा, 3. राकेश पुत्र ईश्वर सिंह, गांव डाकघर धनाना, जिला, भिवानी, 4. कर्मवीर पुत्र अजान सिंह गांव डाकघर झलेरा फलियां, नरवाना जिला जींद हरियाणा.
यहां कार्यरत थे चारों डाक सेवक: इनमें एक ग्रामीण सेवक नेरवा के मधाना, दूसरा गुम्मा-कोटखाई, तीसरा, नागन कोटखाई और चौथा महासू ब्रांच कोटखाई में सेवारत था. पुलिस ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और पेपर लीक होने के साथ फर्जी नौकरी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जिससे युवाओं का रोष सरकारी तंत्र और भर्ती प्रक्रिया पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है.