बेहतर लिगांनुपात में भिवानी जिला के 30 गांव बने पहचान, 22 गांव पिछड़े
भिवानी/टीम एक्शन इंडिया
लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी निगरानी है तथा समय-समय पर विभिन्न जागरूकता अभियान भी चलाए जाते है, ताकि लोगों को लिंगानुपात के प्रति जागरूक कर सकें। भिवानी जिला के 22 गांव ऐसे हैं, जिन्होंने लिंगानुपात में जिला भिवानी का नाम खराब किया तो वही 30 गांव ऐसे भी, जिन्होंने मान बढ़ाया है। बिगड़ते लिगांनुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सख्ती दिखाई दे रही है। जिन गांवों में बिगड़ता लिगांनुपात है, वहां जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं पर मॉनिटरिंग की जा रही है। यह बात भिवानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।भ् उन्होंने कहा कि जिन गांवों में बेहतर लिंगानुपात है, उन गांवो डेढ़ लाख रुपये की राशि दी जाएगी। डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि बेहतर लिंगानुपात वाले 30 गांव में प्रति एक लडकों पर लड़कियों की संख्या एक हजार से अधिक है।
उन्होंने बताया कि गांव बागनवाला में तो एक हजार लडकों पर 1765 बेटियां हैं तो वही गांव खरकड़ी में प्रति एक हजार लडकों पर 1667 बेटियां हैं। इनके अलावा गांव सिंढ़ाण और साहलेवाला में भी प्रति एक लडकों के पीछे बेटियों की संख्या 1500 के पार है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में बेहतर रहे गांव को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग बेहतर रहे गांव को डेढ़ लाख रुपए की राशि से सम्मानित करेगा। यह राशि गांव की बेटियों को भी दी जाएगी। बिगड़े लिंगानुपात वाले गांवों के बारे में बताते हुए सीमएओ ने कहा कि 22 गांव ऐसे हैं, जहां प्रति एक हजार लडकों पर 700 से भी कम लड़कियां हैं। इनमें ज्यादातर राजस्थान के साथ सटे लोहारू, सिवानी के गांव हैं। उन्होंने कहा कि जिन गांवों का लिंगानुपात बिगड़ा है, अब इन गांव पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी रहेगी। सीएमओ ने बताया कि यहां गर्भवती महिलाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि भ्रूण लिंग जांच व गर्भपात के खेल का खुलासा कर आरोपियों पर कार्रवाई की जा सके।
इस कार्य में आशा वर्कर, एनजीओ की मदद ली जाएगी।