
मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रमजीवी महिला छात्रावासों की निर्माण प्रक्रिया हुई तेज
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सीएम श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना के तहत हॉस्टल माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर बनाया जा रहा है। जो नारी शक्ति और समाज कल्याण की प्रतीक मानी जाती हैं, ताकि कामकाजी महिलाओं को सुरक्षा और सुविधापूर्ण आश्रय मिल सके। केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (SASCI) योजना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना के माध्यम से प्रदेश के प्रमुख शहरी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन दोनों योजनाओं के तहत निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है।
केंद्र सरकार की SASCI योजना पर ठोस प्रगति
भारत सरकार द्वारा SASCI योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के लिए 382 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके तहत लखनऊ में तीन, गौतमबुद्ध नगर में चार एवं गाजियाबाद में एक सहित कुल आठ श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें प्रत्येक की आवासीय क्षमता 500 की होगी। इन छात्रावासों के लिए शहरी क्षेत्रों में भूमि चिन्हित करते एक रुपये प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष की लीज दर पर भूमि को विभाग के पक्ष में हस्तांतरित किया गया है। योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 381.56 करोड़ रुपये की स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष 11 मार्च 2025 को 66 प्रतिशत प्रथम किस्त के रूप में 251.83 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। अप्रैल 2025 में सीएण्डडीएस, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया। इसके पश्चात महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जून 2025 में परियोजना वार 35 प्रतिशत धनराशि (116.19 करोड़ रुपये) कार्यदायी संस्था को अवमुक्त की गई। वर्तमान में लखनऊ के तीन और गौतमबुद्ध नगर के तीन छात्रावासों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना पर भी तेजी
इसके समानांतर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना के तहत प्रदेश के 07 जनपदों वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी एवं आगरा में 500-500 की क्षमता वाले कुल सात छात्रावासों का निर्माण प्रस्तावित है। इस योजना के अंतर्गत प्रति छात्रावास 47.75 करोड़ की लागत से कुल 334.25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 170 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। अब तक मेरठ, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी एवं आगरा में भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। इन पांचों जनपदों के लिए व्यय वित्त समिति (EFC) से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। वहीं वाराणसी एवं प्रयागराज में भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सभी सातों जनपदों के लिए निर्माण की विस्तृत कार्ययोजना वित्त विभाग को प्रेषित कर दी गई है।
महिला सशक्तिकरण के विज़न को जमीन पर उतार रही योगी सरकार
महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सीएण्डडीएस के समन्वय से संचालित ये दोनों योजनाएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस विजन को साकार कर रही हैं, जिसमें महिला सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को विकास का केंद्र बिंदु बनाया गया है। ये छात्रावास न केवल कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आश्रय देंगे, बल्कि शहरी क्षेत्रों में महिला कार्यबल की भागीदारी को भी मजबूती प्रदान करेंगे।




