प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन तक जम्मू-कश्मीर में थे, इस दौरान स्टार्टअप से जुड़े युवाओं ने की पीएम मोदी से मुलाकात
श्रीनगर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन तक जम्मू-कश्मीर में थे। यहां उन्होंने 'युवाओं का सशक्तिकरण, जम्मू-कश्मीर में बदलाव' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने उन युवाओं से बात की जो स्टार्टअप चला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उनके साथ विस्तारपूर्वक बातचीत की। अधिकांश युवाओं ने बताया कि उनके यहां उत्पादन होने वाले अधिकांश उत्पाद ऑर्गेनिक हैं।
कुछ युवाओं ने प्रधानमंत्री से कहा कि जिस तरह से आप अपनी चुनावी रैलियों में मोदी की गारंटी के दावे करते हैं, ठीक उसी तरह हम भी अपने उत्पाद में अपने ग्राहकों को गारंटी के दावे करते हैं। हम यह बात ताल ठोककर करते हैं कि अगर हमारे उत्पाद में किसी भी प्रकार की खामी आ जाए, तो आप उसे वापस कर सकते हैं। हम ग्राहकों के पैसे भी वापस कर देते हैं, लेकिन हमारे उत्पाद में किसी भी प्रकार की कोई खामी नहीं होती है, यह हमारा दावा और विश्वास है।
इस बीच श्रीनगर के युवाओं ने प्रधानमंत्री से कहा कि आप देश के युवाओं को बहुत प्रेरित करते हैं। हम लोग आप से प्रेरणा लेकर अब स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं। इस स्टार्टअप ने हम जैसे अनेक युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। आपके नेतृत्व में शुरू की गई इस अवधारणा का हम स्वागत करते हैं।
स्टार्टअप से जुड़ी एक महिला ने बताया कि वो पुलवामा से आती हैं। पुलवामा में कई ऐसी महिलाएं हैं, जिनके अंदर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। मैं उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल कर अपना स्टार्टअप चलाती हूं, जिससे मुझे बहुत आय प्राप्त होती है। स्टार्टअप के कार्य से जुड़े एक युवा ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह एक ऐसा जैकेट बना रहे हैं, जो कि सियाचिन जैसी सीमा पर तैनात हमारे जवानों के लिए काफी लाभप्रद साबित हो सकता है। हमारे यहां पहले ऐसे जैकेट नहीं बनाए जाते थे।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता को हमसे बहुत उम्मीदें हैं। इन्हीं उम्मीदों का नतीजा है कि आज हम तीसरी दफा सरकार बनाने में सफल हुए। लोकसभा चुनाव में मिली जीत इस बात का संदेश है कि अब जनता स्थिरता चाहती है। लोग इस बात को समझ चुके हैं कि स्थिर सरकार ही देश का विकास कर सकती है। जम्मू-कश्मीर में सही मायने में धारा 370 के निरस्त होने के बाद ही संविधान लागू हुआ है, नहीं तो इससे पूर्व यहां लोकतंत्र का सरेआम कत्ल किया गया। लोकतंत्र को बचाने का काम घाटी की जनता ने किया है।