हिमाचल प्रदेश

निराश्रित बच्चों का भविष्य संवारने को कार्य योजना तैयार

टीम एक्शन इंडिया/मंडी/खेमचंद शास्त्री
मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत मंडी जिला के सभी बाल देखभाल संस्थानों को सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य योजना तैयार की गई है ताकि निराश्रित बच्चों को भविष्य संवारने में मदद मिल सके। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में निराश्रित बच्चों के लिए आठ बाल देखभाल संस्थान कार्य कर रहे हैं इसमें 382 के करीब बच्चों की देखभाल सुनिश्चित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा के लिए सरकारी मॉडल स्कूलों एवं निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित किया जाए इस के लिए उप निदेशक शिक्षा विभाग को कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ इन संस्थानों के बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए वाहन व्यवस्था की सुविधा भी प्रदान की जाएगी ताकि बच्चों को आवाजाही में किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं हों।

बच्चों की शैक्षणिक प्रगति के लिए कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी इस के लिए ट्यूटर नियुक्त किए जाएंगे। बेहतर कम्यूनिकेशन स्कील को विकसित करने पर विशेष बल दिया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिगत पाठ्यक्रम तथा सामान्य ज्ञान की पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि इन संस्थानों के बच्चे किसी भी स्तर पर पीछे नहीं रहें। उन्होंने कहा कि बच्चों का नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप भी किया जाएगा इसमें बच्चों के शारीरिक विकास का सारा ब्यौरा रखा जाएगा तथा बीमारी की स्थिति में उपचार की उपयुक्त व्यवस्था भी की जाएगी।

सर्वांगीण विकास पर रहेगा विशेष फोक्स अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने बताया कि सुखाश्रय योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस के लिए महीने में एक दिन पिकनिक डे के निर्धारित किया जाएगा जिसमें बच्चों को बाजार इत्यादि की विजिट के साथ साथ मूवी शो दिखाने की व्यवस्था की जाएगी।

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