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कोलकाता केस में पॉलीग्राफी टेस्ट के बाद आरोपी के खिलाफ CBI के हाथ अहम सबूत, संजय रॉय का काल बनेंगे ‘नौ हथियार’

कोलकाता
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या केस में सीबीआई की जांच चल रही है। फिलहाल मुख्य आरोपी समेत छह अन्य का पॉलीग्राफी टेस्ट हो चुका है। इस केस में कोलकाता पुलिस ने 53 आइटम्स सीज किए हैं। इनमें नौ ऐसे आइटम्स हैं जो मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ बेहद अहम हथियार साबित होंगे। इनमें संजय रॉय के कपड़े, अंडरगारमेंट्स और क्राइम के वक्त पहनी हुईं सैंडल्स जैसी चीजें शामिल हैं। इसके अलावा फोन टॉवर की लोकेशन भी बेहद अहम भूमिका निभा सकती है। इसके मुताबिक नौ अगस्त को घटना के वक्त संजय रॉय आरजी कर अस्पताल के सेमीनार हॉल में मौजूद था।

संजय रॉय की बाइक और उसका हेलमेट भी बतौर एविडेंस रखा गया है। सीबीआई सूत्रों ने रविवार को बताया कि एक हफ्ते के अंदर फोरेंसिक रिपोर्ट्स आ सकती हैं। इस केस में यह रिपोर्ट्स बहुत अहम भूमिका निभाने वाली हैं। नौ अगस्त को स्टेट फोरेंसिक साइंस लाइब्रेरी ने क्राइम सीन से रात 8.30 और 10.45 के बीच कुल 40 महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठे किए। स्थानीय गवाहों की मौजूदगी में इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान कई डॉक्टर्स भी मौजूद रहे। संजय रॉय की मोबाइल से निकाला गया डाटा भी डिजिटल एविडेंस के तौर पर कोर्ट में ले जाया गया। हॉस्पिटल में लगे दो सीसीटीवी, नंबर आठ और नंबर 16 के फुटेज में भी नजर आ रहा है कि संजय रॉय अस्पताल में परिसर में मौजूद है। इन्हें भी बतौर सबूत पेश किया गया है।

इसके अलावा बाकी सबूत साइंटिफिक विंग के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट के फिंगरप्रिंट और फुटप्रिंट एक्सपर्ट्स ने जुटाए हैं। मुख्य आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट्स, जिसमें उसके बाएं गाल, बाएं हाथ और बायीं जांख बने जख्म के निशान को भी घटना में शामिल होने के सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। वहीं, घटनास्थल से मिले खून के निशान और रॉय के ब्लड सैंपल भी मेल खा चुके हैं। फॉरेंसिक एनालिसिस के लिहाज से यह भी बेहद अहम होगा। कोलकाता पुलिस के ट्रैफिक कंट्रोल रूम और श्यामबाजार स्थित बैंक से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक इन फुटेज को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट के साथ करेगी।

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