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राजस्थान-चित्तौड़गढ़ में रेलवे ट्रैक पर छोड़ी बाइक, टक्कर के बाद आग लगने से ट्रेन के पहिए हुए जाम

चित्तौड़गढ़/उदयपुर.

उदयपुर-चित्तौड़गढ़ रेल मार्ग पर सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया। अवैध रूप से रेलवे लाइन पार करने के दौरान ट्रेन को सामने देख ट्रैक पर ही बाइक छोड़ कर सवार भाग गया। इससे ट्रेन यहां बाइक से टकरा गई। बाइक इंजन के पहिए में फंस गई तथा करीब 400 मीटर तक घसीटते हुए चली गई। ट्रेन की टक्कर के बाद बाइक में भी आग लग गई। गनीमत यह रही कि ना तो इंजन में आग लगी ना ही ट्रेन पटरी से उतरी, वरना बड़ा हादसा होना हो सकता था।

हादसे की जानकारी मिलने के बाद आरपीएफ का जाप्ता मौके पर पहुंचा और जांच शुरू की है। बाइक नंबर के आधार पर मालिक की तलाश की जा रही है। रेलवे अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है। रेलवे सुरक्षा बल मावली के सब इंस्पेक्टर दिनेश भारद्वाज ने बताया कि उदयपुर से रवाना होकर योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन सोमवार दोपहर में चित्तौड़गढ़ जा रही थी। चित्तौड़गढ़ जिले में कपासन व मावली रेलवे स्टेशन के बीच में एक बाइक सवार ने अवैध रूप से रेलवे ट्रेक को पार करने का प्रयास किया। रेलवे ट्रैक पर यह बाइक लेकर पहुंचा कि उदयपुर की और से ट्रेन आ गई। ट्रेन को सामने देख कर इसके हाथ पैर फूल गए और बाइक को ट्रेक पर ही छोड़ दिया और मौके से भाग गया। तेज गति से आई ट्रेन बाइक से टकरा गई। तेज आवाज के साथ बाइक इंजन के पहिए में फंस गई। ट्रैक पर बाइक देख कर चालक ने तत्काल ब्रेक लगा दिए थे, लेकिन बाइक ट्रेन के पहिए में फंसी रही और करीब 400 मीटर तक आगे घिसटते हुए चली गई। ट्रेन रुकी और जांच की तो सामने आया कि एक बाइक पहिए में फंसी हुई है। इस पर निकट स्थित रेलवे स्टेशन पर सूचना दी गई। रेलवे ट्रेक पर जहां यह हादसा हुआ वह स्थान रेल सुरक्षा बल मावली के क्षेत्र में आता है। ऐसे में मावली आरपीएफ थाने पर सूचना दी गई। यहां से सब इंस्पेक्टर मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। पुलिस ने बाइक को जब्त कर लिया है।

नंबर प्लेट के आधार पर इसके मालिक के बारे में पता किया जा रहा है। रेल सुरक्षा बल थाना मावली पर रेलवे अधिनियम की धारा 153, 176 147 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। फिलहाल बाइक सवार के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है। लेकिन वह सुरक्षित बताया गया है। इस हादसे के कारण यह ट्रेन करीब 15 से 20 मिनट तक मौके पर ही खड़ी रही। गौरतलब है कि इसी स्थान पर वर्ष 2014 में भी एक हादसा हुआ था। सम पार फाटक को पार करते समय एक मिनी ट्रक चपेट में आ गया, जिससे 6 जनों की मौत हुई थी।

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