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रास्ते में खाली हुए दोनों ऑक्सीजन सिलेंडर, बुजुर्ग महिला की मौत, जांच के आदेश

सिरमौर: डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज अस्पताल नाहन एक बार फिर विवादों में है. दरअसल, आरोप है कि अब अस्पताल प्रबंधन की कथित लापरवाही के कारण एक बुजुर्ग महिला माधवी कंवर की मौत हो गई. हालांकि मामला गत 8 जुलाई का है, लेकिन इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब मृतक महिला की बेटी ने अपनी मां की तेहरवीं के बाद इसकी लिखित शिकायत मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सौंपी. शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए है. दरअसल अस्पताल प्रबंधन की कथित चूक को लेकर नाहन के नया बाजार निवासी स्व. माधुरी कंवर की बेटी एकता ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल खोलते हुए न्याय की गुहार लगाई है. इस मामले में एकता ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, मेडिकल अधीक्षक और सीएमओ सिरमौर को 3 पन्न्नों की लिखित शिकायत सौंपते हुए गंभीर आरोप लगाये हैं.

8 जुलाई को पीजीआई किया था रेफर: एकता के अनुसार, उनकी माता स्व. माधुरी कंवर को 8 जुलाई की शाम मेडिकल कॉलेज नाहन से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया था. वह चंद सेकेंड भी बगैर ऑक्सीजन के नहीं रह सकती थी. सरकारी एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर की स्पोर्ट पर पीजीआई भेज दिया गया. कुछ ही किलोमीटर बाद सिलेंडर खत्म हो गया. एंबुलेंस में मौजूद दूसरे सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया, लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये थी कि दूसरा सिलेंडर भी करीब 10 किलोमीटर दूर मोगीनंद के आसपास खत्म हो चुका था. इसी बीच आनन-फानन में परिवार को सूचना मिली, तो बेटी एकता ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर मोगीनंद के लिए निकली, लेकिन एक किलोमीटर के सफर के बाद ही एकता को अपनी माता की मौत हो जाने की सूचना मिली. एकता के अनुसार रेफर करने के दौरान जब अस्पताल में मौजूद स्टाफ से पूछा गया था, तो ये बताया गया था कि दोनों सिलेंडरों में ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में मौजूद है.

सवालों के घेरे में स्टाफ का व्यवहार: एकता ने आरोप है लगाया कि उनकी माता को रेफर करने के दौरान स्टाफ का व्यवहार भी नकारात्मक था. परिवार को तनाव होता है, लेकिन इससे अनभिज्ञ होकर 8 जुलाई की शाम अस्पताल में तैनात स्टाफ ने बदसलूकी की साथ ही उनके मरीज को चेक करना भी जरूरी नहीं समझा. इसके विपरीत सुरक्षा कर्मियों को बुलाकर हमें बाहर निकालने के लिए कहा गया. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब यहां के स्टाफ के व्यवहार पर सवाल खड़े किए गए है, बल्कि अक्सर स्टाफ के दुर्व्यवहार की शिकायतें मिलती आ रही है, जिस पर लगाम लगाने में प्रबंधन पूरी तरह से नाकाम रहा है.

मरीज को सांस लेने में थी दिक्कत: स्व. माधुरी कंवर को 6 जुलाई को मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया था. सांस लेने की दिक्कत हुई थी. शिकायत में कहा गया कि रात्रि सेवा में मेडिकल कॉलेज के इंटर्न को ही तैनात किया जाता है, जिन्हें इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि रोगी को ऑक्सीजन की आवश्यकता है. आरोप ये भी है कि रोगी को सही समय पर रेफर नहीं किया गया. एकता ने कहा कि विधायक अजय सोलंकी के संज्ञान में भी मामला लाया गया.

जिम्मेदार मेडिकल स्टाफ के खिलाफ मांगी कार्रवाई: आरोप ये भी है कि जानबूझ कर रेफर समय को शाम 5 बजे दर्शाया गया, जबकि असल में एंबुलेंस 6ः55 बजे रवाना हुई. आपातकाल में सी.टी. स्कैन भी नहीं किया गया. एकता ने निष्पक्ष जांच के बाद जिम्मेदार मेडिकल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिकल अधीक्षक डॉ. नवीन गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में लिखित शिकायत मिली है. मामले की गहनता से जांच के आदेश दे दिए गए हैं. मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी.

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