बिलासपुर में हर्षोल्लास से मनाया आस्था का महापर्व छठ पूजा
टीम एक्शन इंडिया/ बिलासपुर/ कश्मीर ठाकुर
छठ पूजा का महत्व न सिर्फ पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में है बल्कि यह पर्व उतरी भारत में शिद्दत से मनाया जाने लगा है। इस बार छठ पूजा पर्व की बिलासपुर में खूब धूम रही। लोगों इस उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया। लंबे समय से बिलासपुर में रह रहे प्रवासी परिवारों में छठ पूजा पर्व की खासी धूम रही। सोमवार सुबह रंग बिरंगे परिधानों में सजे इन परिवारों के सभी सदस्य पूजा सामग्री लेकर महर्षि वेद व्यास गुफ ा के समीप दरिया के किनारे पहुंचे जहां पर महिलाओं ने सूर्य देव को अर्घ्य देकर इस पूजन विधि को संपन्न किया। चार दशकों से बिलासपुर में रह रहे तथा इस कार्यक्रम के आयोजन बंसत लाल पीके ने बताया कि यह पर्व तीन दिनों तक चलता है। रविवार शाम को डूबते सूरज को अर्घ्य देते हैं और सोमवार को उगते सूरज की पूजा की गई। इस कार्यक्रम में सोमवार को करीब पांच सौ लोग मौजूद रहे। व्यास गुफा के साथ झील के समीप बाकायदा लाईटस का प्रबंध किया गया था तथा डीजे भजन आदि का भी विशेष प्रबंध किया गया था।
आगंतुकों के लिए चाय और नाश्ता का भी प्रबंध भी किया गया था। सुबह भोर होने से पूर्व चार बजे से चला यह कार्यक्रम करीब आठ बजे त चला। विधिवत रूप से पूजा अर्चना की गई थी तथा इस दौरान बच्चों के मुंडन संस्कार भी करवाए गए। लुहणू घाट के साथ अन्य घाटों पर भी लोगों ने इस पर्व को धूमधाम से मनाया। गौर हो कि इस व्रत की शुरूआत महाभारत काल में हुई थीए ऐसा माना जाता है इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं के संतान का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और उनके बच्चों तो लंबी आयु मिलती है। इसलिए माताएं अपनी संतान के लिए इस व्रत को रखती हैं जबकि इस पर्व को मनाने के पीछे जो वैज्ञानिक कारण है वो यह है कि इस पर्व में सूर्य की पूजा की जाती है। छठ पूजा को संपन्न करवाने के लिए मनोज कुमार, संत लाल, राजेंद्र, विपिन, अनिकेत कल्याण, नरेंद्र, शेखर, अनिल आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।