पश्चिम बंगाल में छिटपुट हिंसा की घटनाओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की खिंचाई की और कहा कि चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
इससे पहले बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा संयुक्त रूप से दायर एक याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है, जिसने राज्य में पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती को चुनौती दी थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चुनाव निकाय को पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का निर्देश दिया था। याचिका का उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने खंडपीठ के समक्ष किया।
पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दे सकता है। आप उच्च न्यायालय से समय मांगें। इसके जवाब में अधिवक्ता ने कहा कि हमने 13 जून के आदेश के खिलाफ गुहार लगाई है और कृपया इसे कल ले लें। सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राज्य के कानूनी सलाहकारों के साथ बैठक करने के बाद चुनाव निकाय और राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया।