चंडीगढ़: नूंह हिंसा मामले में फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक मामन खान की याचिका पर आज हाई कोर्ट में हुई सुनवाई. मामन खान को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामन खान को गिरफ्तारी से बचना है तो अग्रिम जमानत के लिए जाए निचली अदालत में जाएं. गौर रहे कि गिरफ्तारी से बचने के लिए कांग्रेस विधायक मामन खान ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
SIT कर रही नूह हिंसा मामले की जांच: 31 जुलाई को नूह हिंसा मामले की जांच एसआईटी कर रही है. अगर कोई जांच मामन खान से करना चाहती है तो वह कर सकती है. इसमें कोई रोक नही होंगी. वहीं, मामन खान द्वारा प्रोटेक्शन को लेकर की गई अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से पेश हुए वकील एडिशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने कहा कि नूंह हिंसा में जो आरोपी पकड़े गए हैं. उन्होंने जांच के दौरान पुलिस के सामने मामन खान का नाम लिया है. याचिका ने मामन खान ने जो कहा है कि वह 26 जुलाई से लेकर 1 अगस्त तक नूह में मौजूद नहीं थे, वह सरासर झूठ है. क्योंकि हमारे पास जो सबूत है जैसे टावर लोकेशन व्हाट्सऐप चैट उससे साफ पता चलता है कि वह नूंह में ही मौजूद थे.
नूंह हिंसा में कैसे आया मामन खान का नाम: खासतौर पर नूंह में जहां घटना हुई उससे डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर थे. यह साफ तौर पर मामन खान के सुरक्षाकर्मियों का भी कहना है. नूह हिंसा मामले की पूरी जांच नूंह एसपी की अध्यक्षता में बनाई गई एसआईटी द्वारा की जा रही है. अब इस एसआईटी की वीकली रिपोर्ट की जांच साउथ रेंज के रेवाड़ी के आईजी भी करेंगे.
19 सितंबर को अगली सुनवाई: वहीं, मामले की सुनवाई अब कोर्ट की तरफ से 19 सितंबर को तय की गई है, जिसमें हरियाणा सरकार को बताना होगा कि नूंह हिंसा की जांच वरिष्ठ अधिकारियों की देख रेख में हो रही है या नहीं. बता दें कि मामन खान ने याचिका में मांग की थी कि एसआईटी को स्थानांतरित कर दिए जाएं. मामन खान ने अनुरोध किया कि, हरियाणा पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वह जांच लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करें.