हरियाणा

हरियाणा में ड्रोन आधारित कार्य 40 हजार 372 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पूरा, लार्ज स्केल मैपिंग और स्वामित्व की हर शुक्रवार को होगी समीक्षा बैठक

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग एवं स्वामित्व की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक से सभी जिलों के उपायुक्त ऑनलाईन जुड़े. मुख्य सचिव ने कहा कि करनाल, सोनीपत, कैथल, जीन्द, पानीपत तथा पंचकूला में ड्रोन मैपिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है. मुरब्बा स्टोन का कार्य हिसार, भिवानी, रोहतक, कुरूक्षेत्र में जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुरब्बा स्टोन के लिए रोवर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि आसानी से निशानदेही का कार्य भी कर लिया जाए.

300 रोवर उपलब्ध करवा लिए गए हैं और जिलों को दे दिए गए हैं. उन्होंने मुरब्बा स्टोन को नक्शे में दर्शाने के निर्देश दिए हैं ताकि कई क्षेत्रों में मुरब्बा स्टोन डैमेज होने पर दोबारा से लगाए जा सकें. मुख्य सचिव ने कहा कि हर जिले में डिजिटल मसावी का नक्शा उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके लिए वर्तमान जमाबंदी का डाटा उपलब्ध होना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि करनाल व सोनीपत जिले के 10 कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. शेष जिलों में भी जल्द ही प्रशिक्षण देने का शेड्यूल बनाया जाएगा.

संजीव कौशल ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कर्मचारियों की कार्य क्षमता में व्यापक स्तर पर सुधार किया जाए. इसलिए प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है. मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटल मसावी नक्शे में कई वर्षों का डाटा रिकॉर्ड किया जाना है. इसे सभी उपायुक्त आगामी तीन महीने में पूरा कराएं. उन्होंने कहा कि तातीमा अपडेट करने के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है, तो इसके लिए सभी उपायुक्त अपने सुझाव भेजें.

मुख्य सचिव ने सोनीपत व करनाल के उपायुक्त से दोनों योजनाओं के बारे में आवश्यक जानकारी ली. सभी उपायुक्त हर जिले में 5-5 गांवों का चयन कर लार्ज स्केल मैपिंग का कार्य पायलट के तौर पर शुरू करवाएं और उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों बारे सरकार को अवगत करवाएं. इसके साथ ही उन्हें एनआईसी के पोर्टल पर अपलोड करना भी सुनिश्चित करें. मुख्य सचिव ने कहा कि पंचायत विभाग स्वामित्व योजना के तहत लाल डोरा से बाहर क्षेत्र का राजस्व रिकार्ड लेकर प्रॉपर्टी कार्ड वितरित करवाने का कार्य करें. इसके लिए पंचायत, जिला परिषद एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी का लिंक एक्टिवेट करें ताकि प्रॉपर्टी आईडी का डाटा एकत्र किया जा सके.

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